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रोपवे पर काम – देश के इन धार्मिक और पर्यटन स्‍थलों पर शुरू हुआ

Ropeway

देश के तमाम धार्मिक और पर्यटन स्‍थलों का सफर अब पहले से आसान होगा। श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए पथरीले रास्‍तों से होकर चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी। ना ही उन्हें भीड़ भाड़ वाले स्‍थानों पर घंटों-घंटों जाम फंसे रहना पड़ेगा।

दरअसल रोपवे निर्माण कंपनी नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लि. (एनएचएलएमएल) इसी वर्ष 60 किमी. लंबाई के रोपवे का काम शुरू करने जा रही है। इनमें से तमाम के टेंडर भी आवार्ड किए जा चुके हैं। जहां पर रोपवे का काम शुरू होने वाला है, जानें कौन कौन से प्रमुख धार्मिक स्‍थल हैं ?

सामान्‍य तौर पहले रोपवे का निर्माण पहाड़ी इलाकों में किया जाता था और राज्‍य सरकार इसका निर्माण कराती थी। मगर लागत अधिक होने की वजह से जरूरत के बाद भी इनका निर्माण नहीं हो पाता था। इसे ध्यान में रखते हुए सड़क परिवहन राज्‍य मंत्रालय ने अरबन रोपवे निर्माण के लिए एनएचएलएमएल ( एनएचएआई) का गठन कर काम सौंप दिया है।

रोपवे

एनएचएलएमएल के सीईओ प्रकाश गौड़ के अनुसार वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में देशभर में करीब 60 किमी. रोपवे का काम शुरू किया जाएगा। जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। देश का पहला अरबन रोपवे का निर्माण वाराणसी में शुरू हो चुका है। 3.8 किमी. – कैंट रेलवे स्‍टेशन से गोदौलिया तक होगा। इसी वित्‍तीय वर्ष में इसके दो स्‍टेशनों का निर्माण काम भी पूरा हो जाएगा।

ये हैं प्रमुख स्‍थान जहां रोपवे बनेगा

उत्‍तराखंड में केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और काठगोदाम से नैनीताल, कश्‍मीर में शंकराचार्य मंदिर, महाराष्‍ट्र में ब्रह्मगिरी से अंजानेरी और रामटेक मंदिर, मध्‍य प्रदेश में टिकीटोरिया मंदिर और महाकाल उज्‍जैन, उत्‍तर प्रदेश में संगम प्रयागराज, असम में कामाख्‍या मंदिर , गुजरात में गिफ्ट सिटी, अरुणाचल प्रदेश में तवांग मोनेस्‍ट्री प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्‍थल हैं, जहां पर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

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