ओंकारेश्वर मांधाता नर्मदा नदी के मध्य द्वीप पर स्थित है। दक्षिणी तट पर ममलेश्वर (प्राचीन नाम अमरेश्वर) मंदिर स्थित है । ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ ही ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है। इन दोनों शिवलिंगों को एक ही ज्योतिर्लिंग माना जाता है। खंडवा से 75 कि.मी. इंदौर-खंडवा हाईवे पर । यह हिंदुओं का एक पवित्र स्थान है। ओंकार ममलेश्वर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और जैन संप्रदाय के सिद्धवरकूट इस स्थान पर स्थित हैं। दोनों संप्रदायों और विदेशियों के लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं। अद्वैत के प्रणेता आदिगुरु शंकराचार्य के गुरू गोविन्द जी की गुफा, सिद्धनाथ के भव्य मंदिर के भग्नावशेष, गौरी सोमनाथ का मंदिर, ऋणमुक्तेश्वर मंदिर इस स्थान पर स्थित हैं। द्वीप के प्रणकाक्षर “ॐ” के आकार के कारण ही इस स्थान का नाम ओंकारेश्वर है ।
जैन धर्म का तीर्थ सिद्धवरकूट भी नजदीक ही स्थित है । यहॉं (ओंकारेश्वर मांधाता) पर जैन धर्म के कईं प्राचीन मंदिर हैं इनमे से कुछ का नवीनीकरण किया गया है । यहॉं की चित्रावलियों से प्रतीत होता है कि लगभग 1488 ई0 के आसपास की हैं । चित्रों में प्रमुखत: तीर्थंकर भगवान श्री शांतिनाथ जी का वर्णन है ।
ओंकारेश्वर मांधाता कैसे पहुंचें:
बाय एयर
देवी अहिल्याबाई होलकर विमान पत्तन इंदौर यहॉं से सबसे समीपस्थ विमान पत्तन है जो 84 किमी है
ट्रेन द्वारा
नजदीकी शहरों इंदौर और खण्डवा दोनो जगह रेलमार्ग है जहॉं से टेक्सी उपलब्ध रहती है ।
सड़क के द्वारा
खण्डवा से 70 किमी दूरी पर इंदौर एदलाबाद रूट पर है । इंदौर से 84 किमी इसी सड़क पर है ।