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चारधाम यात्रा जाने से पहले ये खबर जरूर पढ़ें भक्त

Badrinath_Temple

चारधाम यात्रा में अब घोड़ों और खच्चरों से रात में काम नहीं लिया जाएगा। इतना ही नहीं उनकी क्षमता के अनुसार ही भार लादा जाएगा। घोड़ों और खच्चरों से एक दिन में एक ही चक्कर लगवाया जाएगा। यह सहमति हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले और सरकार के बीच बनी है।

हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं और लगातार हो रही घोड़ों की मौतों के मामले पर दायर जनहित याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को सुनवाई की और समस्याओं के निस्तारण के लिए सरकार और याचिकाकर्ताओं से सहमति पत्र पेश करने के लिए कहा है।

बता दें कि समाजसेवी गौरी मौलेखी और अजय गौतम ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि चारधाम यात्रा में अब तक 600 घोड़ों की मौत हो गई है। इससे उस इलाके में बीमारी फैलने का खतरा बन गया है। याचिका में कहा कि जानवरों और इंसानों की सुरक्षा के साथ उनको चिकित्सा सुविधा दी जाए।

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सुविधा के हिसाब से मिले अनुमति

साथ ही याचिका में यह भी कहा गया कि चारधाम यात्रा में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है जिससे जानवरों और इंसानों के भोजन और रहने की समस्या आ रही है। कोर्ट से मांग की गई कि यात्रा में कैरिंग कैपेसिटी के हिसाब से ही श्रद्धालुओं, घोड़ों और खच्चरों को भेजा जाए। उतने ही लोगों को अनुमति दी जाए जिससे लोगों को खाने-पीने रहने की सुविधा मिल सके।

इन बातों पर भी बनी सहमति

-प्रत्येक दिन यात्रा शुरू करने से पहले घोड़ों और खच्चरों के स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।

-उनके लिए गर्म पानी, रहने की व्यवस्था, वेटनरी स्टाफ की व्यवस्था भी की जाएगी।

इन पर नहीं बन सकी सहमति

यात्रा में जाने वाले घोड़ों की संख्या का निर्धारण, बीमा रद्द करने और केंद्र सरकार की एसओपी आदि।

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