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ड्रोन से होगी उत्तराखंड में पहाड़ों की निगरानी

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उत्तराखंड में ड्रोन से होगी पहाड़ों में पर्यटकों के प्लास्टिक कचरा फेंकने की निगरानी


उत्तराखंड में ड्रोन


उत्तराखंड में ड्रोन से पहाड़ों में पर्यटकों की ओर से प्लास्टिक कचरा फेंकने की निगरानी की जाएगी। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट बैठक में ये निर्देश दिए।
यह प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड, प्रदेश के लिए पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा। निर्देश दिए कि मैन्युफैक्चरर से एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी (ईपीआर) प्लान शीघ्र मांगा जाए। साथ ही इससे संबंधित नियमावली का 100 प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि प्लास्टिक कचरा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी।

उन्होंने माउंटेनियरिंग और ट्रेकिंग रूट्स से भी प्लास्टिक कचरा निस्तारण की चेकिंग के लिए ड्रोन आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने ग्राम पंचायतों में कचरा प्रबंधन योजनाओं में प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को भी शामिल करने पर जोर दिया। आपको बता दें कि  उत्तराखण्ड में जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान और बाघ संरक्षण-क्षेत्र और नैनीताल, अल्मोड़ा, कसौनी, भीमताल, रानीखेत और मसूरी जैसे निकट के पहाड़ी पर्यटन स्थल हैं। पर्वतारोहियों के लिए राज्य में कई चोटियाँ हैं, जिनमें से नंदा देवी, सबसे ऊँची चोटी है और 1982 से अबाध्य है। अन्य राष्टीय आश्चर्य हैं फूलों की घाटी, जो नंदा देवी के साथ मिलकर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।

उत्तराखंड में ड्रोन

उत्तराखण्ड में, जिसे देवभूमि भी कहा जाता है। गंगोत्री और यमुनोत्री, को क्रमश: गंगा और यमुना नदियों के उदग्म स्थल हैं। केदारनाथ (भगवान शिव को समर्पित) और बद्रीनाथ (भगवान विष्णु को समर्पित) के साथ मिलकर उत्तराखण्ड के छोटा चार धाम बनाते हैं। हरिद्वार के निकट स्थित ऋषिकेश भारत में योग क एक प्रमुख स्थल है। उत्तराखंड में ड्रोन से हरिद्वार में प्रति बारह वर्षों में कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें देश-विदेश से आए करोड़ो श्रद्धालू भाग लेते हैं।

पर्यटन स्थल
उत्तराखण्ड में बहुत से पर्यटन स्थल है जहाँ पर भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं, जैसे नैनीताल और मसूरी। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं- केदारनाथ, नैनीताल, गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ, अल्मोड़ा, ऋषिकेश, हेमकुण्ड साहिब, नानकमत्ता, फूलों की घाटी, मसूरी, देहरादून, हरिद्वार, औली, बेदिनी, चकराता, रानीखेत, बागेश्वर, भीमताल, कौसानी, रूपकुण्ड।

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