विकसित भारत 2047 का विज़न भारत को आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से सशक्त बनाने का लक्ष्य रखता है, जिसमें पर्यटन का एक अहम योगदान है। पर्यटन का भविष्य – पर्यटन क्षेत्र में स्थायित्व और सामाजिक समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रबंधकों और सहायक प्रबंधकों की नियुक्ति की है। इसका उद्देश्य यह है कि पर्यटन से होने वाले लाभ पूरे भारत में समान रूप से फैले और देश के हर कोने तक पहुंचे।
अतुल्य भारत के तहत इस लक्ष्य को मजबूती देने के लिए, मार्च 2023 में ‘मिशन मोड में पर्यटन’ पहल का आयोजन हुआ, जिसमें पर्यटन की विशाल आर्थिक और रोजगार सृजन क्षमता को रेखांकित किया गया। भारतीय पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी के महासंघ (FAITH) के अनुसार, 2047 तक यह क्षेत्र 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का रूप ले सकता है, 200 मिलियन नौकरियों का निर्माण कर सकता है, 100 मिलियन विदेशी पर्यटकों का स्वागत कर सकता है और घरेलू पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।
पर्यटन का भविष्य
पर्यटन मंत्रालय देशभर में एक अधिक समावेशी और स्थायी पर्यटन वातावरण के निर्माण हेतु, अपने राष्ट्रीय विस्तार को और मजबूत कर रहा है। नवंबर 2022 से, मंत्रालय ने उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पर्यटन प्रबंधकों की नियुक्ति शुरू की है, जहाँ पहले भारत पर्यटन (इंडियाटूरिज्म) कार्यालयों का प्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व नहीं था। भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान (IIITM) के सहयोग से यह कदम लिया गया है, जिससे क्षेत्रीय सहयोग और पर्यटन के संवर्धन में सुधार हो सके। इन प्रबंधकों को स्थानीय हितधारकों, राज्य पर्यटन बोर्डों और समुदायों के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ने के लिए सक्षम बनाया जा रहा है ताकि पूरे देश में एक समृद्ध पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो सके।
इस पहल के दो वर्षों बाद, यह भारत की पर्यटन रणनीति का केंद्र बिंदु बन चुका है, जो स्थानीय समुदायों के उत्थान और समावेशी विकास में योगदान दे रहा है। यह कदम न केवल क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाता है बल्कि विकसित भारत 2047 के व्यापक लक्ष्य को भी सशक्त बनाता है, जो 2047 तक एक ऐसा भारत बनाना चाहता है जो आर्थिक समृद्धि, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन के बीच सामंजस्य स्थापित करे।