Site icon

जानें क्यों पूरे विश्व में प्रसिद्ध है जगन्नाथपुरी की रथयात्रा

jagannath temple

हर साल पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। 10 दिन तक चलने वाली इस यात्रा में दूर-दूर के भक्त शामिल होते हैं। आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितियी को ये यात्रा निकाली जाती है। इस साल ये 20 जून से शुरू होगी।


भारत के उड़ीसा राज्य का पुरी क्षेत्र जिसे पुरुषोत्तम पुरी, शंख क्षेत्र, श्रीक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, भगवान श्री जगन्नाथ जी की मुख्य लीला-भूमि है। उत्कल प्रदेश के प्रधान देवता श्री जगन्नाथ जी ही माने जाते हैं। यहाँ के वैष्णव धर्म की मान्यता है कि राधा और श्रीकृष्ण की युगल मूर्ति के प्रतीक स्वयं श्री जगन्नाथ जी हैं। इसी प्रतीक के रूप श्री जगन्नाथ से सम्पूर्ण जगत का उद्भव हुआ है। श्री जगन्नाथ जी पूर्ण परात्पर भगवान है और श्रीकृष्ण उनकी कला का एक रूप है।

ऐसी मान्यता श्री चैतन्य महाप्रभु के शिष्य पंच सखाओं की है। पूर्ण परात्पर भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी में आरम्भ होती है। यह रथयात्रा पुरी का प्रधान पर्व भी है। इसमें भाग लेने के लिए, इसके दर्शन लाभ के लिए हज़ारों, लाखों की संख्या में बाल, वृद्ध, युवा, नारी देश के सुदूर प्रांतों से आते हैं।

जानें क्यों पूरे विश्व में प्रसिद्ध है जगन्नाथपुरी की रथयात्रा

पर्यटन और धार्मिक महत्त्व
इस स्थान का धार्मिक महत्व जगन्नाथ का मंदिर है जिसे कबीर परमात्मा ने डूबने से बचाया था। समुद्र श्री कृष्ण जी से त्रेता युग का बदला (श्री राम जी ने समुद्र का अपने अग्निबाण से अपमान किया था) लेना चाहता था, परंतु परमात्मा कबीर जी ने काल को वचन दिया था कि पुरी में मंदिर को टूटने से बचाऊँगा, तभी से यह मंदिर आज तक विद्यमान है। यहाँ की मूर्ति, स्थापत्य कला और समुद्र का मनोरम किनारा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त है।

20 जून से शुरू होगी रथयात्रा…जानें क्यों पूरे विश्व में प्रसिद्ध है जगन्नाथपुरी की रथयात्रा


 शानदार होता है जगन्नाथ रथ यात्रा का नजारा, जानिए पुरी पहुंचने का तरीका
पुरी में भगवान जगन्नाथ का मंदिर देश के प्राचीन और फेमस मंदिरों में से एक है। यहां हर जाल जगन्नाथ रथयात्रा का आयोजन किया जाता है। इस साल 2023 में इसका आयोजन 20 जून से किया जाएगा। रथ यात्रा का नजारा शानदार होता है, यही वजह है कि इसे देखने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं।


कैसे पहुंचे पुरी
पुरी भुवनेश्वर के सबसे पास है। भुवनेश्वर में हवाई, सड़क और रेल कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है। भारत के अधिकांश प्रमुख हिस्सों से सड़क और रेल द्वारा पुरी तक पहुंचा जा सकता है। यहां जानिए पुरी पहुंचने का आसान तरीका-
हवाईजहाज
भुवनेश्वर में बीजू पटनायक हवाई अड्डा सबसे पास है, जो पुरी शहर से लगभग 56 किमी दूर है। हवाई अड्डा दिल्ली और मुंबई से जुड़ा हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय यात्री दिल्ली या कोलकाता से भुवनेश्वर के लिए फ्लाइट ले सकते हैं।
ट्रेन
पुरी का अपना रेलवे स्टेशन है। भुवनेश्वर, नई दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता समेत भारत के कई शहरों से यहां के लिए रोजाना सीधी ट्रेन सेवाएं मिलती हैं। पुरी रेलवे स्टेशन से जगन्नाथ मंदिर 2 किलोमीटर है।
सड़क
पुरी अपने पड़ोसी शहरों से जुड़ा हुआ है। ऐसे में भुवनेश्वर कटक जैसी जगहों से बस के जरिए भी पुरी पहुंच सकते हैं। पुरी के गुंडिचा मंदिर के पास बस स्टैंड है।  

Exit mobile version