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मिट्टी के घरों में विदेशी मेहमानों को मिलेगा निमाड़ का देसी स्वाद

आधुनिक जीवन की तेज रफ्तार और तनाव से राहत पाने के लिए अब लोग छुट्टियों में पहाड़ों के बजाय गांवों में शांति और सुकून तलाश रहे हैं। इसी अनुभव को और खास बनाने के लिए मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने अनोखी पहल की है। अब विदेशी पर्यटकों को ग्रामीण जीवन का असली स्वाद चखाने के लिए खरगोन जिले के महेश्वर और नर्मदा किनारे बसे ग्राम बोथूं, केरियाखेड़ी और नावड़ातोड़ी में होम स्टे का इंतजाम किया गया है, जहां मिट्टी, गोबर, लकड़ी, और पत्थर से बने घरों में मेहमानों को ठहरने का मौका मिलेगा।

होम स्टे में देसी स्वाद और रेसिपी की सीख

इन होम स्टे में विदेशी मेहमानों को निमाड़ के प्रसिद्ध देसी व्यंजनों का स्वाद तो मिलेगा ही, साथ ही उन्हें ये व्यंजन बनाने की कला भी सिखाई जाएगी। यहां आकर पर्यटक अमाड़ी की भाजी, ज्वार, मक्का और बाजरे की रोटी जैसी पारंपरिक निमाड़ी डिश का आनंद ले सकेंगे।

मिट्टी के घरों में विदेशी मेहमानों को मिलेगा निमाड़ का देसी स्वाद

निमाड़ पर्यटन विभाग की पहल

खरगोन के बोथूं गांव में 4 होम स्टे यूनिट्स में से 2 का निर्माण पूरा हो चुका है और पर्यटक यहां आने भी लगे हैं। ये होम स्टे जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के सहयोग से तैयार किए गए हैं। स्थानीय हितग्राही जयपाल सिंह तवर के अनुसार, यहां एक रात ठहरने का किराया लगभग 2,000 रुपये होगा, जिसमें नाश्ता मुफ्त दिया जाएगा।

निमाड़ के पारंपरिक पकवानों का जायका

पर्यटकों के लिए यहां विशेष निमाड़ी मेन्यू कार्ड तैयार किया गया है, जिसमें 25 से अधिक पारंपरिक व्यंजन शामिल हैं। इनमें अमाड़ी की भाजी, दाल बाटी, कड़ी चावल, बैंगन का भर्ता, और तुअर की दाल जैसी स्वादिष्ट डिशेज़ प्रमुख हैं। इन सभी पकवानों को ऑर्गेनिक सामग्री से तैयार किया जाएगा, जिसमें किसी भी प्रकार का रसायन नहीं मिलाया गया है।

खाना बनाना और बोली भी सीखेंगे

खास बात यह है कि पर्यटकों को सिर्फ स्वादिष्ट भोजन का आनंद ही नहीं मिलेगा, बल्कि वे किचन में इन व्यंजनों को बनता हुआ भी देख सकेंगे और खुद भी इसे बनाने की प्रक्रिया सीख सकेंगे। इसके अलावा, निमाड़ी बोली में संवाद करके वे यहां की स्थानीय भाषा की मिठास का भी अनुभव करेंगे, जिससे उनकी यात्रा यादगार बन सकेगी।

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