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अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला : 3 फरवरी से….

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अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला : 3 फरवरी से… कई सालों बाद मिलेंगे पूर्वोत्तर राज्यों के व्यंजन

अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला का आयोजन इस बार 3 से 19 फरवरी तक होगा। कई सालों बाद मेले में मणिपुर की चाहाओ खीर, मेघालय की फ्रूटचाट, त्रिपुरा की भंगुई बिरयानी और पूर्वोत्तर राज्यों की बैंबू बिरायनी का जायका मेला परिसर में मिल सकेगा। इस बार पूर्वोत्तर के आठ राज्यों आसाम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा को थीम स्टेट बनाया गया है और मेला बढ़ाया भी गया। इसके मददेनजर मेले में पूर्वोत्तर राज्यों के व्यजंन की व्यवस्था की है।

अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला

मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, मेला प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस बार फूड कोर्ट को बढ़ाया है। इसमें इस बार करीब 50 स्टॉल होंगे। इनमें कुछ विदेशी व्यजंन भी होंगे। कई देशों की फूड स्टाल लगवाई जाएंगी।
इसके अलावा राजस्थान और हरियाणावी व्यजंन भी होंगे। इनमें पिज्जा के स्टॉल भी होंगे और हरियाणवी स्टाल पर बाजरे की रोटी और कढ़ी के स्वाद का आनंद भी लिया जा सकेगा।

आपको बता दें कि  सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला, भारत की एवं शिल्पियों की हस्तकला का 15 दिन चलने वाला मेला लोगों को ग्रामीण माहौल और ग्रामीण संस्कृति का परिचय देता है। यह अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला हरियाणा राज्य के फरीदाबाद शहर के दिल्ली के निकटवर्ती सीमा से लगे सूरजकुंड क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगता है। यह मेला लगभग तीन दशक से आयोजित होता आ रहा है। वर्तमान में इस मेले में हस्तशिल्पी और हथकरघा कारीगरों के अलावा विविध अंचलों की वस्त्र परंपरा, लोक कला, लोक व्यंजनों के अतिरिक्त लोक संगीत और लोक नृत्यों का भी संगम होता है।

इस मेले में हर वर्ष किसी एक राज्य को थीम बना कर उसकी कला, संस्कृति, सामाजिक परिवेश और परंपराओं को प्रदर्शित किया जाता है। वर्ष 2010 में राजस्थान थीम राज्य है। इसे दूसरी बार यह गौरव प्राप्त हुआ है।
मेले में लगे स्टॉल हर क्षेत्र की कला से परिचित कराते हैं। सार्क देशों एवं थाईलैंड, तजाकिस्तान और मिस्र के कलाशिल्पी भी यहां आते हैं।

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