भगवान शिव त्रिकालदर्शी हैं, भूत, भविष्य और वर्तमान के ज्ञाता हैं। जिनके दर्शन मात्र से मोक्ष प्राप्ति होती है। पृथ्वी पर वह ज्योतिर्लिंग स्वरूप में विद्यमान हैं। भारत में अलग-अलग जगहों पर उनके 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं, जिनके दर्शनों से लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- सोमनाथ
इसे पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थापित है। शिवपुराण में बताया गया है कि दक्ष प्रजापति ने चंद्रमा को क्षय रोग का श्राप दिया था, तब इससे मुक्ति के लिए चंद्रमा यहां पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तप किया था। ऐसी भी मान्यता है कि चंद्रदेव ने इस शिव लिंग की स्थापना की थी।
- मल्लिकार्जुन
यह ज्योतिर्लिंग मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे श्रीशैल पर्वत पर स्थापित है। इस पर्वत को कैलाश के समान दर्जा प्राप्त है।
- महाकालेश्वर
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थापित है। यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। इस मंदिर की भस्म आरती काफी प्रसिद्ध है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अकाल मृत्यु से मुक्ति पाने के लिए यहां भगवान शिव की पूजा करने से लाभ मिलता है।
- ममलेश्वर :
ॐकारेश्वर में स्थापित है, जो नर्मदा तट पर स्थित है। कहते हैं नर्मदा जी के तट के कंकड़ कंकड़ में शिव हैं।
- वैद्यनाथ
ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है। बाबा वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग जिस स्थान पर स्थापित है, वह वैद्यनाथ धाम के नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
- भीमशंकर:
महाराष्ट्र के पूणे जिले के सह्याद्रि नामक पर्वत पर भीमा नदी के किनारे स्थापित है। इस ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग, जिनके दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं
- रामेश्वरम :
यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम में स्थापित है। पौराणिक मान्यताओं है कि भगवान श्रीराम ने लंका विजय से पूर्व यहां पर शिवलिंग स्थापित किया और भगवान शिव की अराधना की थी। इस वजह से इसे रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग कहा गया। यह चार धामों में से एक है।
- नागेश्वर
गुजरात के द्वारकाधाम के निकट स्थापित है। भगवान शिव का एक नाम नागेश्वर भी है यानि नागों के ईश्वर।
- विश्वनाथ :
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है, इस नगर का पौराणिक नाम काशी है, इसलिए यह काशी विश्वनाथ के नाम से भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि भगवान शिव काशी के राजा हैं, और वे यहां के लोगों की रक्षा करते हैं।
- त्र्यंबकेश्वर :
यह महाराष्ट्र के नासिक से 25 किलोमीटर दूर त्र्यंम्बकेश्वर में गोदावरी नदी के पास स्थापित है। कहा जाता है कि गौतम ऋषि और गोदावरी नदी ने भगवान शिव से यहां पर निवास करने का निवेदन किया था, जिसके परिणामस्वरूप भगवान शिव स्थापित हो गए।
- केदारनाथ
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में केदारनाथ सबसे ऊंचाई पर स्थित है, यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है। केदारनाथ के दर्शनों के लिए बैशाखी बाद गर्मियों में इस मंदिर को खोला जाता है। इस ज्योतिर्लिंग के कपाट दीपावली के बाद पड़वा के दिन बंद किए जाते हैं।
- घुमेश्वर
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफा के पास वेसल गांव में स्थापित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम है।