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माउंट एवरेस्ट -छत्तीसगढ़ की याशी ने फतह किया…

Mount Everest

छत्तीसगढ़ की याशी ने 45 दिनों के कठिन अभियान में फतह किया एवरेस्ट…जानें पर्वतारोहियों को क्यों आकर्षित करता है माउंट एवरेस्ट
छत्तीसगढ़ की पर्वतारोही याशी जैन ने माउंट एवरेस्ट फतह कर इतिहास रच दिया है। छत्तीसगढ़ की बेटी याशी ने भारतीय समयानुसार 5.45 बजे एवरेस्ट पर तिरंगा लहराया। रायगढ़ की पर्वतारोही याशी जैन माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए जाने वाली 15 सदस्यीय टीम में छत्तीसगढ़ की एकमात्र सदस्य थीं. माउंट एवरेस्ट फतह करने का अभियान 1 अप्रैल से शुरू हुआ था, जो 45 दिनों तक चला.
याशी जैन रायगढ़ की रहने वाली हैं. उनके पिता अखिलेश जैन पंजाब नेशनल बैंक में काम करते हैं. अब याशी जैन माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली छत्तीसगढ़ की पहली युवती बन गईं हैं. इससे पहले अफ्रीका और अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी पर भी याशी जैन ध्वज लहरा चुकी हैं.

माउंट एवरेस्ट -छत्तीसगढ़ की याशी ने फतह किया...


माउंट एवरेस्ट क्यों प्रसिद्ध है
एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है. यह हिमालय पर्वत श्रृंखला के महालंगुर हिमाल उप-श्रेणी में स्थित है. यह चोटी चीन-नेपाल सीमा के पास है. एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848.86 मीटर है  आमतौर पर, एवरेस्ट हमेशा से पर्वतारोहियों को आकर्षित करता रहा है. इसके लिए दो मुख्य चढ़ाई मार्ग हैं, एक नेपाल में दक्षिण-पूर्व से शिखर की ओर जाता है, जिसे मानक मार्ग माना जाता है, और दूसरा मार्ग तिब्बत में उत्तर की ओर से है। वैज्ञानिक सर्वेक्षणों में कहा जाता है कि इसकी ऊंचाई प्रतिवर्ष 2 सेमी के हिसाब से बढ़ रही है। नेपाल में इसे स्थानीय लोग सगरमाथा (अर्थात स्वर्ग का शीर्ष) नाम से जानते हैं, जो नाम नेपाल के इतिहासविद बाबुराम आचार्य ने सन् 1930 के दशक में रखा था – आकाश का भाल। तिब्बत में इसे सदियों से चोमोलंगमा अर्थात पर्वतों की रानी के नाम से जाना जाता है।

माउंट एवरेस्ट पर ट्रेकिंग करते समय निम्नलिखित चीजों का ख्याल रखना चाहिए:

  1. सामग्री: यात्रा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे ट्रैकिंग बूट्स, अंधेरे में दिखने के लिए हेडलैंप, वातावरणीय कपड़े, ट्रैकिंग स्टिक, रिलेवेंट आपूर्ति आदि के साथ सही रूप से तैयारी करें। वस्त्र तालिका, गर्म कपड़े, बर्फ के लिए जैकेट, बर्फ आपूर्ति, खाद्य आदि भी शामिल करें।
  2. फिटनेस: एवरेस्ट पर्वतारोहण के लिए उच्च स्थायित्व और शारीरिक तैयारी करना महत्वपूर्ण है। आपको पहले से ही लंबी दूरी की ट्रेकिंग करने, ऊँचाई पर अच्छी सांस लेने, रस्सी चढ़ने, शरीर की तापमान नियंत्रण करने और संक्रमण से बचाने की क्षमता होनी चाहिए।
  3. स्थानीय गाइड और शेर्पा: माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण में स्थानीय गाइड और शेर्पा का सहारा लेना सुरक्षा और अनुभव के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे स्थानीय मार्ग, शरीर की स्थिति, मौसम की जानकारी, रुख-रुखवां एवं बर्फीले क्षेत्रों को अच्छी तरह से जानते हैं और सुरक्षित ट्रेकिंग की गाइडेंस कर सकते हैं। इसलिए, एक अनुभवी और प्रमाणित गाइड के साथ यात्रा करने की सलाह दी जाती है।
  4. अक्लमंदी और प्रशिक्षण: यात्रा करने से पहले अक्लमंदी की जांच करवाएं और वानवास योग्यता परीक्षण करें। साथ ही, यदि आपको पूर्वाग्रह और ग्लेशियर ट्रेकिंग के लिए कोई प्रशिक्षण आवश्यक हो तो उसे भी पूरा करें।
  5. सुरक्षा के उपकरण: यात्रा के दौरान सुरक्षा के उपकरणों का सही उपयोग करें, जैसे हेलमेट, रस्सी, कारबाइनर्स, बर्फ स्पाइक्स आदि। इन उपकरणों का उपयोग करके आप अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।
  6. मौसम की जानकारी: यात्रा से पहले वर्तमान मौसम और मौसम की पूर्वानुमान जांचें। तापमान, बारिश, हिमपात, बारिश की संभावना, हिमस्खलन के बारे में जानकारी प्राप्त करें और अपनी यात्रा की योजना के अनुसार तैयारी करें।
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