Site icon

रिवर राफ्टिंग – अब कांगेर घाटी नेशनल पार्क में

Kanger Valley National Park

छत्तीसगढ़ के बस्तर के कांगेर घाटी नेशनल पार्क के धुड़मारास में पर्यटकों के मनोरंजन  को ध्यान में रखते हुए रिवर राफ्टिंग के बाद अब यहां भी शुरुआत की गई है. रविवार को खुद नेशनल पार्क के डायरेक्टर और वन विभाग के अधिकारियों ने कांगेर नदी में कयाकिंग का लुत्फ उठाया.  दरअसल कांगेर घाटी नेशनल पार्क से लगे  धुड़मारास में इको -विकास समिति ने कयाकिंग की शुरुआत की है, जिससे बस्तर आने वाले पर्यटकों को एक नया रोमांच का अनुभव मिलेगा.

रिवर राफ्टिंग

कांगेर घाटी नेशनल पार्क में अब रिवर राफ्टिंग के साथ कयाकिंग की शुरुआत…


आपको बता दें कि कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का नाम कांगेर नदी से निकला है, जो इसकी लंबाई में बहती है। कांगेर घाटी लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैला है। कांगेर घाटी ने 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान की स्थिति प्राप्त की। ऊँचे पहाड़ , गहरी घाटियाँ, विशाल पेड़ और मौसमी जंगली फूलों एवं वन्यजीवन की विभिन्न प्रजातियों के लिए यह अनुकूल जगह है । कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक मिश्रित नम पर्णपाती प्रकार के वनों का एक विशिष्ट मिश्रण है जिसमे साल ,सागौन , टीक और बांस के पेड़ बहुताइत में है। यहाँ की सबसे लोकप्रिय प्रजातियां जो अपनी मानव आवाज के साथ सभी को मंत्रमुग्ध करती हैं वह बस्तर मैना है। राज्य पक्षी, बस्तर मैना, एक प्रकार का हिल माइन (ग्रुकुला धर्मियोसा) है, जो मानव आवाज का अनुकरण करने में सक्षम है। जंगल दोनों प्रवासी और निवासी पक्षियों का घर है।


वन्यजीवन और पौधों के अलावा, यह राष्ट्रीय उद्यान तीन असाधारण गुफाओं का घर है- कुटुम्बसर, कैलाश और दंडक-स्टेलेग्माइट्स और स्टैलेक्टसाइट्स के आश्चर्यजनक भूगर्भीय संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। राष्ट्रीय उद्यान ड्रिपस्टोन और फ्लोस्टोन के साथ भूमिगत चूना पत्थर की गुफाओं की उपस्थिति के लिए जाना जाता है।तीरथगढ़ झरना कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। इसके साथ ही साथ केंजरधार और भैंसाधार मगरमच्छ पार्क के लिए लोकप्रिय पर्यटक स्थल हैं। पार्क की प्राकृतिक सुंदरता का पता लगाने के लिए जिप्सी सफारी पर्यटकों के लिए उपलब्ध है।

Exit mobile version