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दंतैल हाथियों की दस्तक, चिंगरापगार और गजपल्ला वॉटरफॉल में आवाजाही पर लगी रोक

Tusk Elephant

बरसात के दिनों में गरियाबन्द के चिंगरापगार और गजपल्ला वॉटरफॉल का मजा लेना चाहते हैं तो आपको निराश होना पड़ सकता है। दंतैल हाथी की आमद को देखते हुए वन अमले ने दोनों वॉटरफॉल पर पर्यटनों के प्रवेश पर सख्ती से पाबंदी लगा दी है। बरसात के दिनों में गरियाबन्द के चिंगरापगार और गजपल्ला वाटरफॉल का अलग ही नजारा दिखता है। प्राकृतिक झरनों की सुंदरता निहारने अन्य दिनों के अलावा रविवार अवकाश के दिन अंचल सहित दूर दराज से हजारों के तादात में पर्यटक पहुंचते हैं।

दंतैल हाथियों की दस्तक, चिंगरापगार और गजपल्ला वॉटरफॉल में आवाजाही पर लगी रोक

मगर बीती रात से दंतैल हाथियों की उपस्थित वॉटरफॉल के करीब होने की वजह से पर्यटकों के आने जाने पर सख्त पाबंदी लगा दी गई है। पाबंदी की वजह से आज बड़ी संख्या में पहुंचे पर्यटनों को मायूस लौटना पड़ा।

जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर बारूका के समीप चिंगरापगार और गजपल्ला पर्यटन स्थल है जहां बारिश के दिनों में करीब 100 फीट की ऊंचाई से पानी की बौछारें गिरती है और झरने का निर्माण करती है। पर्यटन के दृष्टिकोण से प्राकृतिक वातावरण के मनोरम दृश्य का लुफ्त बड़ी संख्या में लोग बीते कुछ सालों से पहुंच रहे हैं। लेकिन आसपास के जंगल में हाथियों के आमद के बाद रविवार को वन विभाग ओर पुलिस विभाग ने यहां लोगों की आवाजाही में रोक लगा दी। वन कर्मी और पुलिस कर्मी की ड्यूटी भी लगा दी गई, जो दिन रात यहां तैनात रहेंगे।

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