Sleep Tourism – सोने के लिए ट्रैवल कर रहे हैं
Sleep Tourism – आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां तनाव, अनियमित दिनचर्या और नींद की कमी आम हो चली है, वहीं एक नया ट्रेंड दुनिया भर के ट्रैवलर्स के बीच तेजी से पॉपुलर हो रहा है और उसका नाम है Sleep Tourism। यह ट्रेंड उन लोगों के लिए है जो अब ट्रैवल का मतलब सिर्फ घूमना-फिरना नहीं, बल्कि आराम करना, गहरी नींद लेना और दिमागी सुकून पाना भी समझते हैं।
जानिए क्या है राज!
नींद की कमी आज के दौर की सबसे बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स में से एक बन चुकी है। काम का दबाव, स्क्रीन टाइम का बढ़ता असर, फैमिली लाइफ की टेंशन और कई बार खुद से जुड़ा संघर्ष ये सब मिलकर हमारी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। जब नींद पूरी नहीं होती, तो थकावट शरीर ही नहीं, सोच पर भी हावी हो जाती है। यही वजह है कि अब लोग ‘हॉलिडे’ को ही एक थेरेपी मानने लगे हैं, जहां उन्हें बिना किसी व्यवधान के चैन की नींद मिल सके।
Sleep Tourism का मतलब है ऐसी जगहों की यात्रा करना, जो नींद को बेहतर बनाने और दिमाग को रिचार्ज करने में मदद करें। इन जगहों पर लग्जरी होटल्स और वेलनेस रिट्रीट्स ऐसे अनुभव ऑफर कर रहे हैं, जो नींद और रेस्ट को प्राथमिकता देते हैं। यहां साउंडप्रूफ रूम्स, थर्मल बेडिंग, ऑर्गेनिक गद्दे, मेडिटेशन सेशंस, योग, हर्बल टी और नींद सुधारने वाले विशेष कार्यक्रम दिए जाते हैं। कई होटल्स ने तो अब “Sleep Concierge” जैसी सेवाएं भी शुरू कर दी हैं, जो आपकी नींद को ट्रैक करके उसे बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

Sleep Tourism – ये जगहें हैं बेस्ट
भारत में भी Sleep Tourism धीरे-धीरे पॉपुलर हो रहा है। उत्तर भारत की पहाड़ियां इस ट्रेंड के लिए बेहद मुफीद मानी जा रही हैं। हिमाचल प्रदेश, जिसकी शांत वादियों में शिमला, डलहौजी, धर्मशाला, कसोल और स्पीति वैली जैसे ठिकाने मौजूद हैं, वहां का मौसम, नज़ारा और प्राकृतिक सन्नाटा मन को तुरंत राहत देता है। लोग यहां सिर्फ आराम करने, किताबें पढ़ने और लंबी-गहरी नींद लेने के इरादे से आते हैं।
उत्तराखंड भी इस लिस्ट में पीछे नहीं है। ऋषिकेश, औली, मसूरी, नैनीताल, चकराता और चोपता जैसे डेस्टिनेशन, जहां न शोरगुल है, न भागमभाग, वहां खुद से मिलने का वक्त मिलता है और यही वक्त नींद को लौटाता है।
अगर किसी को दक्षिण भारत की ओर जाना है, तो मुन्नार, वायनाड और कूर्ग जैसी जगहें परफेक्ट हैं। इन जगहों पर कॉफी की खुशबू, हरियाली और सुकून एक साथ मिलते हैं, जो नींद के लिए सबसे बड़ा टॉनिक साबित होते हैं। वहीं, अगर कोई बीच और ब्रेथिंग स्पेस को साथ पाना चाहता है तो गोवा का शांत पक्ष, यानी उसका साउथ रीजन, Sleep Tourism के लिए बेहतरीन विकल्प है।
आज Sleep Tourism सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि जरूरत बन गया है। जब जिंदगी तेज़ हो चली हो, तो एक ठहराव जरूरी हो जाता है और यह ठहराव, एक अच्छी नींद से बेहतर कोई नहीं दे सकता। अगली बार जब भी वेकेशन की सोचें, तो घूमने से ज्यादा सोने को भी जगह दीजिए… क्योंकि असली रिचार्ज किसी नेटवर्क से नहीं, गहरी नींद से मिलता है।