मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस फैसले का उद्देश्य राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना और योजनाबद्ध विकास को सुनिश्चित करना है।
पर्यटन को उद्योग का दर्जा: क्या है खास?
कैबिनेट की इस बैठक में छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग के प्रस्ताव पर विचार किया गया, जिसके तहत राज्य में साहसिक पर्यटन, जल पर्यटन, मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म जैसी पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। इससे लैंड बैंक में निजी निवेश को आकर्षित करने और प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
नई औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत पर्यटन को उद्योग का दर्जा
छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान किया गया है। इसके माध्यम से पर्यटन परियोजनाओं के लिए निर्धारित न्यूनतम स्थायी पूंजी निवेश पर सामान्य उद्योगों की भांति अनुदान, छूट और रियायत का प्रावधान किया गया है।
निवेश और रोजगार के नए अवसर
पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने से राज्य में निवेश के नए अवसर उत्पन्न होंगे और रोजगार के बड़े अवसर सृजित होंगे। इससे पर्यटन संबंधी अधोसंरचना का विकास होगा और राज्य में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के अनुकूल सुविधाओं का विकास हो सकेगा।
स्टेकहोल्डर के लिए लाभ
इस फैसले से स्टेकहोल्डर को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे वे पर्यटन क्षेत्र में अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे। इससे राज्य में पर्यटन क्षेत्र को एक नई दिशा मिलेगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।