पातालकोट – एडवेंचर के शौकीन हैं तो घूम आएं
पातालकोट - एडवेंचर के शौकीन हैं तो घूम आएं पातालकोट घाटी 79 किमी 2 के क्षेत्र में फैली हुई है। । घाटी उत्तर-पश्चिम दिशा में छिंदवाड़ा से 78 किमी और उत्तर-पूर्व दिशा में तामीया से 20 किमी की दूरी पर स्थित है। घाटी में 'दुधीÓ नदी बहती है। यह घोड़ा-जूता आकार की घाटी पहाडिय़ों से घिरा हुआ है और घाटी के अंदर स्थित गांवों तक पहुंचने के कई रास्ते हैं। चट्टानें ज्यादातर आर्कियन युग से हैं जो लगभग 2500 मिलियन वर्ष हैं और इसमें ग्रेनाइट गनी, हरी स्किस्ट, मूल चट्टान,...
नर्मदा नदी पर बरगी बांध
जबलपुर का बरगी डेम नर्मदा नदी पर बने 30 डेमों में एक महत्वपूर्ण डेम है। इस डेम का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह जबलपुर और आसपास के क्षेत्रों में जल आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत है। बरगी डाइवर्शन प्रोजेक्ट और रानी अवंतीबाई लोधी सागर प्रोजेक्ट इस डेम पर विकसित की गई दो महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है। समय के साथ-साथ बरगी डेम जबलपुर के एक महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित हुआ है। मध्यप्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में काफी पहल की है। सरकार ने यहां...
भेड़ाघाट
जबलपुर के भेड़ाघाट स्थित संगमरमरी चट्टान अन्य किसी भी पर्यटन स्थलों में सर्वाधिक घूमा जाने वाला जगह है। यह कहना गलत नहीं होगा कि जबलपुर और संगमरमरी चट्टान एक दूसरे के पर्यायवाची हो गए हैं। संगमरमरी चट्टान नर्मदा नदी के दोनों ओर करीब 100 फीट ऊंची है। भेड़ाघाट का वातावरण भी बेहद शांत रहता है। जब सूरज की रोशनी सफेद और मटमैले रंग के संगमरमर चट्टान पर पड़ती है, तो नदी में बनने वाला इसका प्रतिबिंब अद्भुत होता है। भेड़ाघाट और यहां की संगमरमर चट्टान की खूबसूतरी उस समय चरम...
संगमरमर की चट्टानों से निकलता धुआंधार जलप्रपात
धुआंधार जलप्रपात जबलपुर ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का एक महत्मपूर्ण पर्यटन स्थल है। 10 मीटर की ऊंचाई से गिरने वाले इस प्रपात की छटा अनुपम है। इसकी उत्पत्ति नर्मदा नदी से होती है। यह सुरम्य प्रपात प्रसिद्ध संगमरमर की चट्टानों से निकलता है। यह प्रपात जब बड़ी धारा के साथ गिरती है तो पानी के गिरने की आवाज काफी दूर से सुनाई देती है। इस प्रपात के गिरने से उस स्थान पर कुहासा या धुंआ सा बन जाता है। इसलिए इसे धुआंधार जलप्रपात कहा जाता है। सुंदरता के लिहाज...