भारत के मशहूर चिडिय़ाघर…बच्चों के साथ घूमे
वीएंड पर अक्सर आपको कहीं घूमने जाने का मन तो करता ही होगा, और बच्चे तो गार्डन या चिडिय़ाघर जाने की जिद करते ही होंगे। बच्चों के लिए चिडिय़ाघर उनकी पसंदीदा जगह होती है, जहां उन्हें हर तरह के जानवर देखने को मिलते हैं, जो अक्सर वे किताबों पर फोटो के रूप में देखते हैं। इसलिए हम आपको आज बताने जा रहे हैं, भारत के ऐसे मशहूर चिडिय़ाघर के बारे में, जिनके बारे में शायद आप भी जानते ही होंगे।
इंदिरा गांधी जूलॉजिकल पार्क
विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश का इंदिरा गांधी जूलॉजिकल पार्क सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है, जहां आप गाड़ी से या पैदल सैर कर सकते हैं। आप यहां कई जानवरों, पक्षियों और तितली को देखने का आनंद ले सकते हैं। इस चिड़ियाघर को तीन तरफ से फ्रेम किया हैं। कंबालाकोंडा वन अभ्यारण्य इसके चारों ओर है। 600 एकड़ में फैले इस चिड़ियाघर में आप विभिन्न जानवरों और पक्षियों की प्रजातियों को देख सकते हैं।
नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क
नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क भारत के ओडिशा के भुवनेश्वर में 437 हेक्टेयर का चिड़ियाघर और वनस्पति उद्यान है। 1960 में स्थापित, इसे 1979 में जनता के लिए खोल दिया गया था और 2009 में वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ़ ज़ूज़ एंड एक्वेरियम में शामिल होने वाला भारत का पहला चिड़ियाघर बन गया। यहां आप अलग तरह के जानवरों और पक्षियों को देख सकते हैं। सफेद बाघ सफारी की सुविधा वाला भारत का ये पहला चिड़ियाघर है, जिसे अंग्रेजी में ‘द गार्डन ऑफ हेवन’ के रूप में भी जाना जाता है।
राजीव गांधी जूलॉजिकल पार्क
यह पुणे के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है। प्राकृतिक दुनिया और वन्य जीवन की खूबसूरत फोटो लेने और भीड़-भाड़ से दूर एक दिन का मजा लेने के लिए इस चिड़ियाघर की यात्रा करें। लोकप्रिय पिकनिक क्षेत्रों में से एक इस जगह पर आप पूरा दिन बिता सकते हैं। इस लोकेशन पर आप अपने परिवार और बच्चों के साथ खूब मस्ती कर सकते हैं।
मैसूर चिड़ियाघर
इस चिड़ियाघर के अंदर एक अनोखा बगीचा है जो प्यारा और आकर्षक लगता है। इस चिड़ियाघर में आप बाहर घूम सकते हैं, कुछ वन्य जीवन देख सकते हैं और अलग पक्षियों को देख सकते हैं। इस चिड़ियाघर में सौ से ज्यादा प्रकार के पक्षी और दूसरे जानवर हैं।
अरिग्नार अन्ना जूलॉजिकल पार्क, चेन्नई
इसे वंडालूर चिड़ियाघर के रूप में भी जाना जाता है, इस चिड़ियाघर के 160 बाड़ों में लगभग 1,500 जंगली प्रजातियां हैं, जिनमें 46 लुप्तप्राय प्रजातियां शामिल हैं।