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जोधपुर
5 Jun

नाइट टूरिज्म को जोधपुर में विकसित करने हो रहा प्रयास

जोधपुर में आने वाला पर्यटक कुछ दिन अतिरिक्त रुके इसके लिए नाइट टूरिज्म की कवायद तेज कर दी गई है। टूरिज्म मंत्रालय की प्रिसिपल सेक्रेटरी गायत्री राठौड़ के अनुसार इसके लिए कलेक्टर के अधीन एक कमेटी बना दी गई है। उन्होंने कहा कि जोधपुर में टूरिज्म को लेकर 360 डिग्री का अनुभव रहता है। यहां हैरिटेज है विलेज टूरिज्म है इसके साथ ही एडवेंचर टूरिज्म भी है अब नाइट टूरिज्म को डवलप किया जाएगा।

नाइट टूरिज्म विकसित करने हो रहा प्रयास…जानें क्यों प्रसिद्ध है राजस्थान का ये शहर…

जोधपुर के पर्यटन स्थल

थार मरूस्थल का प्रवेश द्वार है। एक नजर शहर पर डालें तो सभी मकान हल्के नीले रंग के दिखाई देते हैं, जैसे आसमान उतर आया है जमीन पर। लाल रंग के पत्थरों का समृद्ध किला । किले, महल, मंदिर, हवेलियाँ और बहुत सारे पर्यटन स्थल, जोधपुर को पर्यटकों में लोकप्रिय बनाते हैं। ब्लू सिटी के नाम से लोकप्रिय ‘जोधपुर‘ राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यहाँ अधिकांश स्थापत्य – महलों, मंदिरों, हवेली और यहां तक कि घरों को भी नीले रंग से रंगा गया है। वर्ष भर सूर्य यहाँ अपनी विशेष दमक दिखाता है।

नाइट टूरिज्म को जोधपुर में विकसित करने हो रहा प्रयास

अत: जोधपुर को सूर्य नगर के नाम से भी जाना जाता है। मेहरानगढ़ का विशाल भव्य किला इस शहर को एक अलग ही पहचान देता है जो एक पहाड़ी चट्टान पर आठ द्वारों के साथ विद्यमान है। किले के बाहर नया नगर है। इसीलिए जोधपुर में पारंपरिक और आधुनिकता का एक सुंदर सम्मिश्रण नजर आता है। जोधपुर केवल यहीं पाए जाने वाले मारवाड़ी या मालानी घोड़ों की दुर्लभ नस्ल के लिए भी जाना जाता है। इस समृद्ध शहर का सम्पूर्ण इतिहास राठौड़ वंश के इर्द-गिर्द घूमता है। राठौड़ प्रमुख राव जोधा ने 1459 ईस्वी में जोधपुर का निर्माण किया। शहर की प्राचीन राजधानी, मण्डोर के स्थान पर जोधपुर को बनाये जाने के भी उल्लेख मिलते हैं। जोधपुर और आस पास के इलाकों के लोगों को आज भी मारवाड़ी के नाम से जाना जाता है।