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World Environment Day
5 Jun

हरियाली से भरपूर भविष्य की शुरुआत” – रायपुर में मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस

05 जून को प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस, वर्ष 1973 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) द्वारा स्थापित एक वैश्विक मंच है। इस वर्ष का विषय, “भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता”, भूमि क्षरण, मरुस्थलीकरण और पानी की कमी से उत्पन्न बढ़ते खतरों को संबोधित करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देता है। ये चुनौतियाँ दुनिया भर में अरबों लोगों को प्रभावित करती हैं, जो स्थायी भूमि प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व को उजागर करती हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस

पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के छत्तीसगढ़ नोडल कार्यालय, नंदनवन जंगल सफारी और फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी (FES), छत्तीसगढ़ के सहयोगात्मक प्रयास से 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में “प्राकृतिक पुनरुत्पादन एवं बीज संरक्षण पर वॉक कम फील्ड कार्यशाला” का आयोजन जंगल सफारी में किया गया । जिसमें 50 से अधिक स्वयंसेवक, पर्यावरण प्रेमीयो और विद्यार्थीयों ने भाग लिया l कार्यक्रम स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में प्राकृतिक प्रजनन और बीज संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस वर्ष की थीम के साथ पूरी तरह से मेल खाता था।

इस अवसर पर, FES की ओर से डॉ. सतीश शर्मा जी द्वारा प्रतिभागियों के साथ पैदल यात्रा कर पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर प्राकृतिक प्रजनन की आकर्षक प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला गया। जंगल सफारी के संचालक श्री धम्मशील गणवीर ने जिम्मेदार पर्यटन प्रथाओं और पर्यावरण स्थिरता को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने जंगल सफारी के अंतर्गत चल रहे जन-जागरूकता प्रयासों एवं आगामी कार्यक्रमों की जानकारी साझा की।

श्रीमती नमिता मिश्रा, FES की छत्तीसगढ़ राज्य प्रमुख ने बीज संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका पर व्यावहारिक निर्देश दिए। पर्यटन मंत्रालय के राज्य प्रबंधक मयंक दुबे ने इस कार्यक्रम को नागरिकों को एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व से सीधे जोड़ने का एक शानदार प्रयास बताया।

छत्तीसगढ़ नोडल कार्यालय, पर्यटन मंत्रालय से राज्य प्रबंधक मयंक दुबे ने जिम्मेदार पर्यटन प्रथाओं को बढ़ावा देने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए संगठन की अटूट प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम, नागरिकों और पर्यावरण संरक्षण प्रयासों के बीच एक मजबूत संबंध बनाने के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में कार्य करते हैं साथ ही भविष्य की पहलों के लिए एक सकारात्मक मिसाल कायम करते हैं।

कार्यक्रम के समापन पर सभी अतिथियों द्वारा जंगल सफारी के अंदर वृक्षारोपण किया गया। साथ ही सभी उपस्थित प्रतिभागियों को ट्रैवल फॉर लाइफ की शपथ भी दिलाई गई।

इस अवसर पर श्री वाय. के. डहरिया – एसडीओ जंगल सफारी, वन्यजीव चिकित्सक डॉ. राकेश वर्मा, फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी से सुश्री मंजीत कौर, छत्तीसगढ़ के कई जिलों से आये हुए प्रतिभागी, इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर के कई विद्यार्थियों के साथ नंदनवन जंगल सफारी के गाइड एवं सभी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।