पाटेश्वर आश्रम में भव्य एवं विशाल माँ कौशल्या धाम का निर्माण अंतिम चरण में
2026 में किया जाएगा माता के धाम का लोकार्पण प्रकृति के मनोरम वादियों के बीच स्थित संुंदर एवं विशाल कौशल्या धाम श्रद्धालुओं एवं दर्शनार्थियों के लिए बनेगा आस्था एवं आकर्षण का केन्द्र देश और दुनिया का एक मात्र माता कौशल्या धाम बनेगा सर्व धर्म संभाव का केन्द्र छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश एवं दुनिया में सनातन संस्कृति एवं आस्था के प्रमुख केन्द्र के रूप में स्थापित बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के सुदूर वनांचल में स्थित पाटेश्वर आश्रम में भव्य एवं विशाल कौशल्या धाम बनाने का परिकल्पना शीघ्र साकार होने वाला है। पाटेश्वर सेवा...
Celebrate World Motorcycle Day with an Epic Ride on June 21, 2025!
The spirit of adventure will come alive this World Motorcycle Day, as the Stallion Motorcycle Group invites bikers from across the region to join an unforgettable ride through the heart of Chhattisgarh. This one-day expedition is designed for those who love the open road, seek new experiences, and enjoy the camaraderie of fellow riders. Participants will embark on a scenic journey starting from Minocha Petrol Pump at 6:00 AM. The route, approximately 150 kilometers one way, will lead riders through lush landscapes and culturally rich destinations. The first stop will be...
छत्तीसगढ़ में ट्राइबल म्यूजियम बनेगा पर्यटन और शोध का बड़ा केन्द्र
आदिवासी बाहुल्य राज्य छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने ट्राइबल म्यूजियम बनाकर आदिवासी संस्कृति, सभ्यता और उनकी जीवनशैली को आमजन तक पहुँचाने के लिए अभिनव पहल की है। इसके लिए नवा रायपुर अटल नगर में करीब 10 एकड़ क्षेत्र में भव्य एवं आकर्षक आदिवासी संग्रहालय (ट्राइबल म्यूजियम) बनाया गया है। राज्य के पहले ट्राइबल म्यूजियम का लोकार्पण आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया। मुख्यमंत्री ने लोकार्पण कार्यक्रम में सबसे पहले आदिवासी परम्परा अनुरूप मुख्य द्वार पर द्वार पूजा व श्रीफल तोड़कर नवनिर्मित ट्राइबल म्यूजियम में प्रवेश किया। वहीं प्रवेश गैलेरी में...
गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क: छत्तीसगढ़ का नया पर्यटन आकर्षण
मनेंद्रगढ़ वनमंडल में स्थित गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह पार्क विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां 29 करोड़ वर्ष पुराने समुद्री जीवाश्म मिले हैं।भारत में ऐसे केवल चार अन्य स्थानों पर समुद्री जीवाश्म पाए गए हैं, लेकिन यह पार्क एशिया का सबसे बड़ा समुद्री जीवाश्म पार्क माना जाता है। हसदेव नदी के किनारे लगभग 1 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले इस स्थल को राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक का दर्जा प्राप्त है। इसकी खोज 1954 में भूवैज्ञानिक एस.के. घोष...
आगोरा ईको-टूरिज़्म को ‘इंडियन रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म नेशनल अवार्ड्स 2025’ में स्वर्ण पदक
आगोरा ईको-टूरिज़्म ने 'इंडियन रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म नेशनल अवार्ड्स 2025' में सस्टेनेबल ट्रैवल एंटरप्राइज़ श्रेणी में गोल्ड (प्रथम स्थान) प्राप्त किया है। यह सम्मान देशभर में जिम्मेदार और सतत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिष्ठित Outlook Traveller द्वारा प्रदान किया गया है। आगोरा ईको-टूरिज़्म की स्थापना 2022 में छत्तीसगढ़ में अनुभवात्मक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई थी। इसका मुख्य लक्ष्य स्थानीय समुदायों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करना था, ताकि वे होमस्टे, गाइड, भोजन तैयारी, ट्रेकिंग, कहानी कहने या अन्य उपयुक्त भूमिकाओं में पर्यटन का हिस्सा बन सकें।...
बस्तर में इको-टूरिज्म को नई उड़ान
छत्तीसगढ़ का बस्तर अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। अब यहां के तीरथगढ़ और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित मांझीपाल में बैंबू राफ्टिंग की शुरुआत की गई है, जो बस्तर में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खोल रही है। यह पहल इको-डेवलपमेंट समिति द्वारा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के सहयोग से शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य रोमांचक पर्यटन और सतत विकास को एक साथ आगे बढ़ाना है। बस्तर में इको-टूरिज्म :- प्रकृति के बीच रोमांच का नया...
टीपापानी पहाड़ पर मिले मध्य पाषाणकालीन शैलचित्र
रायगढ़, छत्तीसगढ़। रायगढ़ जिले के केरसार गांव स्थित टीपापानी पहाड़ पर हाल ही में मध्य पाषाणकाल (10,000-4,000 ई.पू.) के शैलचित्रों की खोज की गई है। यह ऐतिहासिक खोज डॉ. मुकेश कुमार राठिया, मानवविज्ञान अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा की गई है। शैलचित्रों में जीवन और प्रकृति की झलक डॉ. राठिया के अनुसार, इन शैलचित्रों में मानव एवं पशु आकृतियों के साथ-साथ पेड़-पौधे और अन्य दृश्य भी दर्शाए गए हैं। ये चित्र तत्कालीन मानव जीवन और उनके परिवेश के विकास की महत्वपूर्ण झलक प्रस्तुत करते हैं। रायगढ़ के शैलचित्र: सांस्कृतिक और ऐतिहासिक...
छत्तीसगढ़ के पांच शक्तिपीठ बनेंगे चार धाम की तर्ज पर
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया है। प्रदेश के प्रमुख पांच शक्तिपीठ को चार धाम की तर्ज पर विकसित करने की योजना तैयार की गई है। इसमें सूरजपुर के कुदरगढ़, सक्ति के चंद्रहासिनी चंद्रपुर, बिलासपुर के महामाया रतनपुर, दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर, और राजनांदगांव के डोंगरगढ़ स्थित मां बमलेश्वरी मंदिर को शामिल किया गया है। धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा प्रदेश के इन प्रमुख शक्तिपीठों को भव्य और सुव्यवस्थित चार धाम रूप देने के लिए विशेष योजना बनाई गई है।...
मधेश्वर पहाड़ शिवलिंग जशपुर का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज
छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई है। जशपुर जिले के प्रसिद्ध मधेश्वर पहाड़ की अद्भुत प्राकृतिक संरचना, जो विश्व की सबसे बड़ी शिवलिंग के रूप में पहचानी जाती है, को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। इसे "लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग" का खिताब मिला है। मधेश्वर पहाड़ शिवलिंग - सीएम विष्णु देव साय ने दी बधाई इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ की जनता को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, बधाई...
वैश्विक पर्यटन नक्शे पर शामिल हुआ छत्तीसगढ़ का जशपुर
छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला अब वैश्विक पर्यटन के नक्शे पर अपनी खास जगह बना चुका है। इसे पर्यटन वेबसाइट www.easemytrip.com में शामिल किया गया है, जो इसे राज्य का पहला ऐसा जिला बनाता है। अब देश-विदेश के पर्यटक आसानी से जशपुर की सुंदरता और पर्यटन स्थलों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री की बधाई और पर्यटन की नई दिशा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा:"जशपुर का वैश्विक पर्यटन नक्शे में शामिल होना हर छत्तीसगढ़वासी के लिए गर्व का विषय है। हमारी सरकार राज्य...