बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर
उज्जयिनी के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की महिमा का विभिन्न पुराणों में विशद वर्णन किया गया है। कालिदास से शुरू करते हुए, कई संस्कृत कवियों ने इस मंदिर को भावनात्मक रूप से समृद्ध किया है। उज्जैन भारतीय समय की गणना के लिए केंद्रीय बिंदु हुआ करता था और महाकाल को उज्जैन का विशिष्ट पीठासीन देवता माना जाता था। समय के देवता, शिव अपने सभी वैभव में, उज्जैन में शाश्वत शासन करते हैं। महाकालेश्वर का मंदिर, इसका शिखर आसमान में चढ़ता...
पांडव फॉल – एक शांत झरना
पन्ना से 14 किमी और खजुराहो से 34 किमी की दूरी पर, पांडव फॉल मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित एक शांत झरना है। खजुराहो – पन्ना राजमार्ग पर स्थित, पांडव जलप्रपात पन्ना में दर्शनीय झरनों में से एक है और खजुराहो दर्शनीय स्थलों के शीर्ष स्थानों में से एक है। पांडव फॉल जलप्रपात मध्यप्रदेश में केन नदी की एक सहायक नदी द्वारा गिराया गया बारहमासी झरना है। गिरता हुआ झरना लगभग 30 मीटर की ऊंचाई से एक दिल के आकार के पूल में...
नर्मदा नदी पर बरगी बांध
जबलपुर का बरगी डेम नर्मदा नदी पर बने 30 डेमों में एक महत्वपूर्ण डेम है। इस डेम का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह जबलपुर और आसपास के क्षेत्रों में जल आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत है। बरगी डाइवर्शन प्रोजेक्ट और रानी अवंतीबाई लोधी सागर प्रोजेक्ट इस डेम पर विकसित की गई दो महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है। समय के साथ-साथ बरगी डेम जबलपुर के एक महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित हुआ है। मध्यप्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में काफी पहल की है। सरकार ने यहां...
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य के उमरिया ज़िले में स्थित एक वन्य अभयारण्य है। यह वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था। इसका क्षेत्रफल 437 वर्ग किमी है। यहां बाघ आसानी से देखा जा सकता है। यह मध्यप्रदेश का एक ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जो 32 पहाड़ियों से घिरा है। बांधवगढ़ 448 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इस उद्यान में एक मुख्य पहाड़ है जो 'बांधवगढ़' कहलाता है। 811 मीटर ऊँचे इस पहाड़ के पास छोटी-छोटी पहाड़ियाँ हैं। पार्क में साल और बंबू के वृक्ष...
भेड़ाघाट
जबलपुर के भेड़ाघाट स्थित संगमरमरी चट्टान अन्य किसी भी पर्यटन स्थलों में सर्वाधिक घूमा जाने वाला जगह है। यह कहना गलत नहीं होगा कि जबलपुर और संगमरमरी चट्टान एक दूसरे के पर्यायवाची हो गए हैं। संगमरमरी चट्टान नर्मदा नदी के दोनों ओर करीब 100 फीट ऊंची है। भेड़ाघाट का वातावरण भी बेहद शांत रहता है। जब सूरज की रोशनी सफेद और मटमैले रंग के संगमरमर चट्टान पर पड़ती है, तो नदी में बनने वाला इसका प्रतिबिंब अद्भुत होता है। भेड़ाघाट और यहां की संगमरमर चट्टान की खूबसूतरी उस समय चरम...
पातालपानी जलप्रपात – एक रोमांचक और आकर्षक स्थल
पातालपानी जलप्रपात भारत के मध्य प्रदेश राज्य में इंदौर जिले की महू तहसील में स्थित है। झरना लगभग 300 फीट ऊंचा है। पातालपानी के आसपास का क्षेत्र एक लोकप्रिय पिकनिक और ट्रेकिंग स्थल है। पानी का प्रवाह वर्षा के मौसम के तुरंत बाद (आमतौर पर जुलाई के बाद) सबसे अधिक होता है। गर्मी के मौसम में यह लगभग सूख जाता है, और धारा कम हो जाती है। इस जलप्रपात को देखने के लिए आपको इंदौर से महोव जाना होगा। महोव स्थानीय रेलवे स्टेशन से उपलब्ध है और आप टैक्सी या बस...
झीलों का शहर भोपाल
भोपाल को झीलों के शहर के रूप में जाना जाता है, अगर आप भोपल भोजपुर, भीमबेटिका, सांची, इस्लामनगर, समसगढ़, आदि के पास के पर्यटन स्थलों की यात्रा करना चाहते हैं, तो आप यहाँ घूमने के लिए जा सकते हैं। यह शहर पुरानी और आधुनिक वास्तुकला का मिश्रण है। भोपल में पर्यटकों के लिए कई जगह हैं जैसे कि ऊपरी झील, निचली झील, बिड़ला मंदिर, वन विहार, भारत भवन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, मनु भानु की टेकरी, गुफा मंदिर, ताज-उल-मस्जिद, जामा मस्जिद, गौहर महल, शौकत महल, क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र,...
संगमरमर की चट्टानों से निकलता धुआंधार जलप्रपात
धुआंधार जलप्रपात जबलपुर ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का एक महत्मपूर्ण पर्यटन स्थल है। 10 मीटर की ऊंचाई से गिरने वाले इस प्रपात की छटा अनुपम है। इसकी उत्पत्ति नर्मदा नदी से होती है। यह सुरम्य प्रपात प्रसिद्ध संगमरमर की चट्टानों से निकलता है। यह प्रपात जब बड़ी धारा के साथ गिरती है तो पानी के गिरने की आवाज काफी दूर से सुनाई देती है। इस प्रपात के गिरने से उस स्थान पर कुहासा या धुंआ सा बन जाता है। इसलिए इसे धुआंधार जलप्रपात कहा जाता है। सुंदरता के लिहाज...