दिल्ली पर्यटन विभाग लगा रहा बोगनवेलिया फूलों की प्रदर्शनी…
दिल्ली पर्यटन विभाग लगा रहा बोगनवेलिया फूलों की प्रदर्शनी…
फूलों की प्रदर्शनी देखने का अगर आप शौक रखते हैं तो यह खबर आपके लिए काफी काम की है। क्योंकि दिल्ली पर्यटन विभाग 14 अप्रैल से पहली बार बोगनवेलिया फूलों की प्रदर्शनी शुरू है जिसका आयोजन साकेत में स्थित गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज में होगा। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक इस प्रदर्शनी के दौरान बोगनवेलिया फूलों की विभिन्न प्रजातियों को प्रदर्शित किया जाएगा।
आपको बता दें कि बोगनवेलिया के पौधे और मोटी लताएं होती हैं जिन्हें उद्यानों, दीवारों और झाडिय़ों के रूप में लगाया जाता है। सामान्य तौर पर इसके फूल गर्मियों में खिलते हैं, लेकिन बेहतर परिस्थितियों में इसमें पूरे साल फूल आ सकते हैं।
दिल्ली पर्यटन विभाग लगा रहा बोगनवेलिया फूलों की प्रदर्शनी…
बोगनवेलिया के बारे में
इसे कागज़ का फूल भी कहा जाता है। बहुत ही कम देखभाल मे बग़ीचे को सुंदर और रंगीन बनाने में यह पौधा उत्तम है। अलग-अलग देशों में इससे अलग अलग नामों से जाना जाता है। मूलरूप से यह पौधा दक्षिण अमेरिका के देशों में पाया जाता है. आम तौर पर वहां के लोग इसे बग़ीचे मे एवं वह अपने घर के मुख्य द्वार पर लगाते हैं. इसकी खोज फिलबरट कॉमर्रसन और लुई एंटोनी डी बोगनविले नाम के दो वैज्ञानिकों ने किया था. इनमें से एक वैज्ञानिक के नाम पर इस पौधे का नाम रखा गया।
बोगेनवेलिया और इस पौधे को जन समक्ष प्रस्तुत किया गया 1789 में. यह एक लता प्रजाति का पौधा है. पूरी दुनिया ने इस पौधे की 20 प्रजाति पाई जाती है जिसे लगभग 300 से ज्यादा कि़स्म के पौधे देखने को मिलते हैं. यह किसी भी प्रकार के मिट्टी और जलवायु में जि़ंदा रहते हैं. इनमें ज़्यादातर प्रजातियों के पौधे मैं नुकीले काँटे होते हैं. इसमें करीब बारहों महीने फूल होते है. ये सभी एक साथ खिलते हैं, फूलों के साथ-साथ पूरा पौधा भी हरा भरा हो जाता है. बोगेनवेलिया के फूल देखने में ही सुन्दर नहीं हैं बल्कि इसके बहुत सारे एलोपैथिक एवं आयुर्वेदिक इलाज सामने आए हैं. यह पौधा आयुर्वेद मे खांसी, दमा, पेचिश, पेट या फेफड़ों के तकलीफ जैसी समस्याओं मे उपयोग में लाया जाता है।