चित्रकोट और ढूढमारस को वर्ल्ड टूरिज्म डे पर मिला अवॉर्ड
बस्तर के चित्रकोट और ढूढमारस गांव वर्ल्ड टूरिज्म डे के मौके पर एक विशेष पहचान हासिल कर रहे हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘बेस्ट टूरिज्म विलेज’ प्रतियोगिता में इन दोनों गांवों ने अपनी-अपनी श्रेणियों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। ढूढमारस को एडवेंचर टूरिज्म श्रेणी में और चित्रकोट को कम्युनिटी बेस्ड टूरिज्म के लिए चुना गया है।
27 सितंबर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति द्वारा दोनों गांवों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया । यह सम्मान बस्तर के पर्यटन को नई दिशा देने के साथ ही, यहां की स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर करने का एक अवसर भी।
चित्रकोट जलप्रपात: बस्तर का गौरव
चित्रकोट जलप्रपात, जिसे ‘भारत का मिनी नियाग्रा’ कहा जाता है, बस्तर की प्रमुख आकर्षणों में से एक है। 90 फीट की ऊंचाई से गिरता यह जलप्रपात इंद्रावती नदी के पानी की गूंज के साथ एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। मानसून के दौरान इसकी खूबसूरती चरम पर होती है, और यही कारण है कि यह जलप्रपात सिर्फ देश के नहीं, बल्कि विदेशों के पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। चित्रकोट की बढ़ती लोकप्रियता ने इसे बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग के लिए भी आदर्श स्थल बना दिया है।
ढूढमारस: एडवेंचर टूरिज्म का नया केंद्र
कांगेर वैली नेशनल पार्क के क्षेत्र में स्थित ढूढमारस गांव, अपनी अनूठी और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर योजनाओं के लिए प्रसिद्ध हो रहा है। इस गांव को स्थानीय आदिवासी समुदाय ने न केवल सजाया-संवारा है, बल्कि एडवेंचर टूरिज्म के लिहाज से एक महत्वपूर्ण केंद्र भी बना दिया है। यहां पर्यटकों के लिए बैम्बू राफ्टिंग, कयाकिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों के साथ-साथ, आदिवासी संस्कृति और भोजन का अनुभव भी अनूठा आकर्षण प्रस्तुत करता है।