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जन्माष्टमी 2023 में इन मंदिरों को कर लें ट्रैवल लिस्ट में शामिल - Travel News
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3 Sep

जन्माष्टमी 2023 में इन मंदिरों को कर लें ट्रैवल लिस्ट में शामिल

जन्माष्टमी – 2023 का पर्व आने में बस कुछ ही दिन शेष हैं। भारत में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को बड़े ही भव्य रूप में मनाया जाता हैं। इस वर्ष भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव 6 सितंबर 2023, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन लोग घरों में पूजा अर्चना तो करते ही हैं साथ ही मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आती है। भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा समेत देश में कई ऐसे मंदिर हैं जो पावन तीर्थ के रूप में जाने जाते हैं। तो आप भी जन्माष्टमी शुभ अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के इन प्रसिद्द मंदिरों में दर्शन जरूर करें।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि, मथुरा

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में राजा कंस के महल में बनाए गए कारावास में बाल गोपाल का जन्म हुआ था। कंस कन्हैया के मामा थे। एक भविष्यवाणी के बाद कंस ने अपनी ही बहन और बहनोई को जेल में बंद कर दिया था। कान्हा का जन्म जिस जेल में हुआ, उसे आज कृष्ण जन्मभूमि के नाम से जाना जाता है। आज इस स्थान पर बेहद खूबसूरत मंदिर है। इस मंदिर में एक कृत्रिम गुफा बनाई गई है, जहां भक्तों को कृष्ण जन्म की पूरी कथा झांकियों के माध्यम से दर्शायी जाती है। साथ ही गुफा को साउंड इफेक्ट के जरिए और अधिक प्रभावी बनाया गया है। आगर आप और आगे बढ़ेंगो तो वह जेल भी देख सकते हैं जहां कान्हा का जन्म हुआ था। साथ ही यहां की आरती में भी आप शामिल हो सकते हैं।

जन्माष्टमी 2023 में इन मंदिरों को कर लें ट्रैवल लिस्ट में शामिल

बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन

जन्म के बाद बाल गोपाल को उनके पिता वासुदेव गोकुल में नंद बाबा के घर पर छोड़ आए थे। कन्हैया का बचपन नंदबाबा और उनकी पत्नी माता यशोदा के बेटे के रूप में गोकुल में बीता। बाद में वह वृंदावन आ गए। गोकुल और वृंदावन की गलियों में कान्हा खेला करते थे, अपनी गायों को चराते थे। बता दें कि गोकुल और वृंदावन की लगभग हर गली में आपको भगवान श्री कृष्ण के कई मंदिर मिल जाएंगे जो उनकी यादों को ताजा करते हैं।

इन्हीं मंदिरों में से एक वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर भी है। वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। जन्माष्टमी के दिन यहां भव्य मंगला आरती होती है। आरती के बाद रात दो बजे मंदिर के कपाट खोल दिए जाते हैं। मंगला आरती साल में केवल एक ही बारही होती है। अगर आप इस जन्माष्टमी बांके बिहारी मंदिर जाएं तो मंगला आरती में भी जरूर शामिल हों।

जन्माष्टमी 2023 में इन मंदिरों को कर लें ट्रैवल लिस्ट में शामिल

द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात

कृष्ण मथुरा को छोड़कर गुजरात चले गए। यहां समुद्री तट पर स्थित कुशस्थली में केशव मे द्वारिका नाम का भव्य नगर बसाया। यहां श्रीकृष्ण को द्वारकाधीश कहा जाता है। कान्हा यहां के राजा बन गए और अपनी 16108 रानियों के साथ रहने लगे। द्वारका भारत के पवित्र चार धाम मंदिरों में शामिल है। चारों धामों में यह पश्चिमी धाम है। जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर को बहुत भव्य तरीके से सजाया जाता है। द्वारका मंदिर के अलावा गुजरात में रणछोड़राय और अन्य कई प्रसिद्ध मंदिर भी हैं।

जन्माष्टमी 2023 में इन मंदिरों को कर लें ट्रैवल लिस्ट में शामिल

प्रेम मंदिर, वृंदावन

वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर देश के भव्य मंदिरों में से एक है। इसकी भव्यता और कलात्मकता भक्तों का मन मोह लेती है। पूरे मंदिर में 94 कलामंडित स्तंभ हैं। इस मंदिर में किंकिरी और मंजरी सखियों के विग्रह दर्शाए गए हैं। मंदिर के आगे खूबसूरत बगीचे लगाए गए हैं जो इसकी सुंदरता को और बढ़ा देते हैं।

जन्माष्टमी 2023 में इन मंदिरों को कर लें ट्रैवल लिस्ट में शामिल

श्रीनाथजी मंदिर, नाथद्वारा

राजस्थान के नाथद्वारा में है श्रीनाथजी का मंदिर देश ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध है। यहां भगवान श्री कृष्ण को श्रीनाथ के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय के वल्लभ सम्प्रदाय के प्रमुख तीर्थ स्थानों में सर्वोपरि माना जाता है। नाथद्वारा धाम उदयपुर से लगभग 48 किलोमीटर दूर राजसमंद जिले में बनास नदी के तट पर स्थित श्रीनाथ जी मंदिर ऐतिहासिक महत्व भी रखता है। जब क्रूर मुगल शासक औरंगजेब ने गोकुल का मंदिर तोड़ने का आदेश दिया तब वल्लभ गोस्वामी यहां की मूर्ति लेकर नाथद्वारा में आ गए और यहां उस मूर्ति की वर्तमान स्थान पर पुन: स्थापना की। ये मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था.

इस्कॉन मंदिर, दिल्ली

दिल्ली के प्रमुख आकर्षणों में से एक है इस्कॉन का मंदिर। लोग जब भी दिल्ली में घूमने की बात करते हैं तो यहां के इस्कॉन मंदिर जरूर जाते हैं। ऐसे में आप अगर जन्माष्टमी के अवसर पर दिल्ली घूमने गए हैं तो जरूर इसके दर्शन करें। इस भव्य मंदिर में राधा और कृष्ण की सुंदर मूर्तियां स्थापित है। इस मंदिर में एक वैदिक म्यूजियम और एक रेस्टोरेंट भी है।