Top
पर्यटकों के लिए अब खुल गया है सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान -
fade
4870
post-template-default,single,single-post,postid-4870,single-format-standard,mkd-core-1.3,mkdf-social-login-1.4,mkdf-tours-1.4.3,voyage-ver-2.1,mkdf-smooth-scroll,mkdf-smooth-page-transitions,mkdf-ajax,mkdf-grid-1300,mkdf-blog-installed,mkdf-breadcrumbs-area-enabled,mkdf-header-standard,mkdf-sticky-header-on-scroll-up,mkdf-default-mobile-header,mkdf-sticky-up-mobile-header,mkdf-menu-item-first-level-bg-color,mkdf-dropdown-animate-height,mkdf-header-style-on-scroll,mkdf-medium-title-text,wpb-js-composer js-comp-ver-6.8.0,vc_responsive
 / Destinations  / पर्यटकों के लिए अब खुल गया है सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान
Asian_Elephant_in_Corbett_National_Park
7 Nov

पर्यटकों के लिए अब खुल गया है सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान

पर्यटकों के लिए अब खुल गया है सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान

ओडिशा के मयूरभंज जिले में सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान अब पर्यटकों के लिए खुला है। रिपोर्ट के अनुसार, करीब पांच महीने तक मानसून के कारण बंद रहने के बाद अधिकारियों ने पार्क के दरवाजे जनता के लिए खोल दिए। इसका उल्लेख करते हुए, अधिकारियों ने बताया कि पार्क 16 जून से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था, और पूरे मानसून के मौसम में बंद रहा, 2750 वर्ग किमी में फैला, सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान भारत के सबसे बड़े बाघ अभयारण्यों में से एक है, और  कई वन्यजीव प्रजातियों के लिए घर के रूप में कार्य करता है।


सुबह 6 से 9 बजे तक पर्यटकों को राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश की अनुमति दी गई है। सिमलीपाल अभयारण्य को केवल परिभ्रमण कर लौटना चाहने वाले पर्यटक दोनों लुलुंग एवं जसीपुर फाटक से अनुमति पत्र लेकर जा सकेंगे। रात में ठहरने के लिए चाहने वाले पर्यटक ओटीडीसी वेबसाइट में आनलाइन बुकिंग कर इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे। वर्तमान कोरोना महामारी जारी रहने से कोविड प्रतिबंध के बीच राष्ट्रीय उद्यान को खोला गया है। पिछले 7 महीने से लाकडाउन के कारण शिमिलीपाल राष्ट्रीय उद्यान बंद था।
आपको बता दें कि सिमलीपाल नेशनल पार्क उड़ीसा राज्य के मरूरभंज क्षेत्र में अवस्थित एक सुंदर नेशनल पार्क है। इस क्षेत्र को आज भारत के सबसे बड़े वन्यजीव अभयारण्य का श्रेय दिया जाता है इसे भारत के टाइगर प्रोजेक्टों में से एक माना जाता है। सिमलीपाल नाम, रेशमी कपास के पेड़, जिसे स्थानीय भाषा में सिमुल कहा जाता है, से व्युत्पन्न हुआ हैं। सिमलीपाल का क्षेत्र घने जंगलों, घास के मैदानों, मनोरम झरनों और नदियों से समृद्ध है।
सिमलीपाल को हाथी रिजर्व के रूप में भी जाना जाता है। यहां के स्थानीय संथाल आदिवासी बस्तिया वनस्पतियों में निर्भर है। सिमलीपाल नेशनल पार्क 2,750 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। पूरा सिमलीपाल क्षेत्र लहरदार है जो 600 मीटर से 1,500 मीटर तक में फैला हुआ है।

Pandav fall