भोरमदेव अभ्यारण्य में बाघ-बाघिन की दस्तक
कबीरधाम जिले के भोरमदेव वन्यजीव अभ्यारण्य में लंबे समय बाद बाघ और बाघिन की सक्रियता देखी गई है। पिछले एक महीने से बाघ की दहाड़ और वन विभाग के कैमरों में उसकी तस्वीरें कैद हुई हैं। खास बात यह है कि इस बार बाघ और बाघिन की जोड़ी ने भोरमदेव अभ्यारण्य का रुख किया है। इस स्थिति को देखते हुए वन विभाग ने भोरमदेव वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी से सटे लगभग 25 गांवों में बाघ-बाघिन की मौजूदगी के बारे में सूचना दी है और लोगों को जंगल में न जाने की हिदायत दी है।
भोरमदेव अभ्यारण्य में पिछले एक महीने से बाघ और बाघिन की लगातार चहलकदमी हो रही है। इस पर नजर रखने के लिए वन विभाग ने कई स्थानों पर ट्रैप कैमरे लगाए हैं, जिनसे जंगल में घूमते हुए बाघ की कई तस्वीरें मिली हैं। इसके अलावा, विभिन्न स्थानों पर बाघ के पदचिह्न भी देखे गए हैं। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी लगातार बाघ के मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं।
भोरमदेव अभ्यारण्य – वन विभाग ने जारी की चेतावनी
कवर्धा वन विभाग बाघ-बाघिन के मूवमेंट को लेकर सतर्क है। वनमंडल अधिकारी शशि कुमार ने बताया कि अभ्यारण्य के कोर रेंज में बाघ और बाघिन के मूवमेंट की सूचना मिली है। जंगल के आसपास के 24 से 25 गांवों में मुनादी कर दी गई है कि लोग जंगल की ओर न जाएं। अब तक किसी भी प्रकार की शिकार या जनहानि की सूचना नहीं मिली है।
भोरमदेव अभ्यारण्य कान्हा नेशनल पार्क से सटा हुआ है, जहां बड़ी संख्या में बाघ मौजूद हैं। समय-समय पर बाघ विचरण करते हैं, और बाघिन अपने बच्चों को जन्म देने के लिए भी यहां आती हैं। इस बार दो साल बाद बाघ और बाघिन की जोड़ी भोरमदेव अभ्यारण्य में देखी गई है, जिससे वन विभाग ने अतिरिक्त सावधानी बरतनी शुरू कर दी है।