8 धार्मिक और आध्यात्मिक टूरिज्म सर्किट को भी विकसित करेगी यूपी सरकार
8 धार्मिक और आध्यात्मिक टूरिज्म सर्किट को भी विकसित करेगी यूपी सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में पर्यटन नीति 2022 को मंजूरी दी है। इसके तहत राज्य के बाकी टूरिस्ट प्लेसेस के साथ ही आठ धार्मिक और आध्यात्मिक टूरिज्म सर्किट को भी विकसित किया जाना है. इसके तहत रामायण, महाभारत, शक्तिपीठ, कृष्ण, बुद्ध, जैन और सूफ़ी सर्किट से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नया रूप देने की तैयारी है. सरकार का कहना है कि रामायण और महाभारत सर्किट जैसे धार्मिक पर्यटन स्थलों को एक परिपथ के तौर पर विकसित करने से आध्यात्मिक पर्यटन को ना सिर्फ देश बल्कि दुनियाभर में लोकप्रियता हासिल होगी.
सैलानियों को आकर्षित करने के लिए इन स्थलों में नए सिरे से विकास कार्य किया जाएगा. इन जगहों के विकास के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा. इतना ही नहीं इन जगहों की यात्रा के दौरान लोगों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी.
जानकारी के मुताबिक, रामायण सर्किट में सीता और राम से जुड़े स्थलों को शामिल किया जाएगा. इसमें अयोध्या, बिठूर, चित्रकूट और अन्य स्थल भी होंगे. महाभारत सर्किट में हस्तिनापुर, कांपिल्य, गोंडा, लाक्षागृह जैसे स्थल शामिल होंगे. कृष्ण सर्किट में मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बरसाना, नंदगांव और कृष्ण से जुड़े अन्य स्थल, शक्तिपीठ सर्किट में विंध्यवासिनी देवी, अष्टभुजा, देवीपाटन, नैमिशारण्य, ललिता देवी, सहारनपुर में शाकंभरी देवी और अन्य स्थलों को शामिल किया जाएगा. बुद्ध सर्किट में कपिलवस्तु, कुशीनगर, श्रावस्ती, सारनाथ, कौशाम्बी समेत कुछ स्थल शामिल होंगे.
इसके अलावा जैन सर्किट में देवगढ़, हस्तिनापुर, दिगम्बर जैन मंदिर रामनगर और सूफ़ी सर्किट में कबीर की जन्मस्थली वाराणसी, निर्वाण स्थली, बस्ती जि़ले का मगहर, संत कबीरनगर के स्थल होंगे. वहीं, गोरखपुर, आगरा के बटेसर जैसे स्थलों को आध्यात्मिक सर्किट में शामिल किया जाएगा. ‘नयी पर्यटन नीतिÓ के तहत इन स्थानों पर हेरिटेज होटल, रिसॉर्ट , थीम बाज़ार, टूरिस्ट इन्फ़र्मेशन सेंटर, वेलनेस सेंटर, ऑल सीजऩ कॉटिज और दूसरी सुविधाओं का विकास किया जाएगा.इन सभी धार्मिक स्थलों को टूरिज्स डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा।