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India Archives - Page 52 of 56 -
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keshkal ghati
7 Nov

केशकाल घाटी की सड़क मरम्मत का कार्य जारी

केशकाल घाटी रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश के परिपालन में बस्तर अंचल से लेकर सरगुजा अंचल तक की सड़कों के रख-रखाव एवं मरम्मत का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। बस्तर अंचल के प्रवेश द्वार के नाम से प्रसिद्ध केशकाल घाटी की सड़क के मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। सड़क निर्माण कार्य निर्वाध रूप से जारी रहे, इसकों ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा फिलहाल भारी वाहन के आवागमन को रोका गया है। कोण्डागांव कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने आज केशकाल...

kotumbsar
7 Nov

कोटमसर गुफा

कोटमसर गुफा कोटमसर गुफा को शुरू में गोपांसर गुफा (गोपन = छुपा) नाम दिया गया था, लेकिन वर्तमान नाम कोटसर अधिक लोकप्रिय हो गया क्योंकि गुफा ‘कोटसर’ नामक गांव के पास स्थित है। कोटसर गुफा भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ में जगदलपुर के पास स्थित है। कोटमसर गुफा पर्यावरणीय पर्यटनमें रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। यह कोलेब नदी की एक सहायक नदी केगर नदी के किनारे स्थित केंजर चूना पत्थर बेल्ट पर गठित एक चूना पत्थर गुफा है। प्रवेश निर्देशांक 18052’0 9 “एन हैं 81056’05 “ई (डब्लूजीएस...

kanger
7 Nov

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का नाम कांगेर नदी से निकला है, जो इसकी लंबाई में बहती है। कांगेर घाटी लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैला है |कांगेर घाटी ने 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान की स्थिति प्राप्त की। ऊँचे पहाड़ , गहरी घाटियाँ, विशाल पेड़ और मौसमी जंगली फूलों एवं वन्यजीवन की विभिन्न प्रजातियों के लिए यह अनुकूल जगह है । कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक मिश्रित नम पर्णपाती प्रकार के वनों का एक विशिष्ट मिश्रण है जिसमे साल ,सागौन , टीक और बांस के पेड़ बहुताइत...

7 Nov

श्री पीताम्बरा पीठ दतिया – प्रसिद्ध शक्तिपीठ

श्री पीताम्बरा पीठ दतिया शहर मे स्थित देश का एक प्रशिद्ध शक्तिपीठ है ! श्री गोलोकवासी स्वामीजी महाराज के द्वारा इस स्थान पर “बगलामुखी देवी ” तथा “धूमवाती माता ” की स्थापना की गयी थी ! पीताम्बरा पीठ मे स्थित वनखण्डेश्वर मंदिर एक महाभारत कालीन शिव मंदिर है . श्री पीताम्बरा पीठ दतिया श्री पीताम्बरा शक्तिपीठ भारत के मध्य प्रदेश राज्य में देवास जिले के दिगम्बर तालुका में स्थित है। इस स्थान पर भगवती पीताम्बरा की पूजा की जाती है जो देवी दुर्गा की एक रूप हैं। श्रद्धालु और पर्यटक इस स्थान पर...

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3 Nov

दुनियाभर में मशहूर राजस्थान का पुष्कर मेला शुरू, 8 नवंबर तक आयोजित होगा

राजस्थान का पुष्कर मेला 1 नवंबर से पुष्कर मेले का आगाज हो गया है। राजस्थान का पुष्कर मेला खूब फेमस है। इस मेले को दुनिया का सबसे बड़ा ऊंट फेस्टिवल भी कहा जाता है। इस मेले को देखने के लिए देश के कोने-कोने से ट्यूरिस्ट पहुंचते हैं। यहां आपको विदेशी सैलानियों की भीड़ भी दिखेगी। मेला पुष्कर में लगता है, जो अजमेर जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर है।पुष्कर मेला राजस्थान का सबसे मशहूर फेस्टिवल है। रेत में सजे-धजे ऊंटों को करतब करते हुए देखने का एक्सपीरियंस ही अलग है।...

गोलिया का नर्तक दल
31 Oct

मंगोलिया का नर्तक दल पहुंचा राजधानी

मंगोलिया का नर्तक दल आज राजधानी रायपुर पहुंच गया है। यह दल स्थानीय साइंस कॉलेज मैदान में 01 से 03 नवंबर तक चलने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में अपनी नृत्य शैली की छटा बिखेरेगा।टीम लीडर श्री एंखबोल्ड टुमूरबातर ने बताया कि हम अपनी कला और संस्कृति से छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ ही भारत के विभिन्न राज्यों एवं अन्य विदेशी मेहमानों के दिल में जरूर स्थान बनाने में सफल होंगे। इस महोत्सव में मंगोलिया के सांस्कृतिक प्रतिनिधि के रूप में भाग लेना हम सब के लिए गौरव की बात...

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31 Oct

टोंगो और मोजांबिक के नर्तक दल राजधानी रायपुर पहुंचे

टोंगो और मोजांबिक के नर्तक दलराष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देंगे प्रस्तुति   अफ्रीका के टोंगो और मोजांबिक से नर्तक दल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने आज राजधानी रायपुर पहुंचे। विभागीय अधिकारी कर्मचारियों द्वारा माना विमानतल पर उनका आत्मीय स्वागत किया गया। नर्तक दलों में गजब का उत्साह देखने को मिल। उन्होंने ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ नारे का पूरे जोश के साथ उद्घोष किया। उल्लेखनीय है कि टोंगो से आए नृतक दल में कुल 10 सदस्य शामिल हैं, जिसमें 6 पुरुष और 4 महिला हैं। टीम लीडर श्री अजवोन बोचोउ अटा...

29 Oct

अनंत व असीम है छत्तीसगढ़ की नृत्य परंपरा

1 से 3 नवंबर तक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में होगा जनजातीय नृत्यों का प्रदर्शन- मनोज सिंह, सहायक संचालक अनंत व असीम है छत्तीसगढ़ की नृत्य परंपरा छत्तीसगढ़ी लोककला में लोकनृत्य संपूर्ण प्रमुख छत्तीसगढ़ के जनजीवन की सुन्दर झांकी है। राग-द्वेष, तनाव, पीड़ा से सैकड़ों कोस दूर आम जीवन की स्वच्छंदता व उत्फुल्लता के प्रतीक लोकनृत्य यहां की माटी के अलंकार है। छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य सुआ, करमा, पंथी राउत नाचा, चंदैनी, गेड़ी, नृत्य, परब नृत्य, दोरला, मंदिरी नृत्य, हुलकी पाटा, ककसार, सरहुल शैला गौरवपाटा, गौरव, परथौनी, दशहरा आदि हैं। छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य...

okareshwar2
28 Oct

ओंकारेश्‍वर मांधाता

ओंकारेश्‍वर मांधाता नर्मदा नदी के मध्‍य द्वीप पर स्थित है। दक्षिणी तट पर ममलेश्‍वर (प्राचीन नाम अमरेश्‍वर) मंदिर स्‍थित है । ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ ही ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है। इन दोनों शिवलिंगों को एक ही ज्योतिर्लिंग माना जाता है। खंडवा से 75 कि.मी. इंदौर-खंडवा हाईवे पर । यह हिंदुओं का एक पवित्र स्थान है। ओंकार ममलेश्वर  12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और जैन संप्रदाय के सिद्धवरकूट इस स्थान पर स्थित हैं। दोनों संप्रदायों और विदेशियों के लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं।  अद्वैत के प्रणेता  आदिगुरु शंकराचार्य...