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24 Apr

माता कौशल्या महोत्सव में पर्यटन कैफे का होगा उद्घाटन

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अक्षय तृतीया (अक्ती) के पावन अवसर पर भगवान श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में  “माता कौशल्या महोत्सव” का शुभारंभ किया। “माता कौशल्या महोत्सव” की गरिमा को बढ़ाने के लिए देश की मशहूर युवा क्लासिकल सिंगर मैथिली ठाकुर और देश के प्रख्यात गायक पद्म श्री कैलाश खेर भी प्रभू श्री राम के ननिहाल चंदखुरी में अपनी प्रस्तुति दी। क्लासिकल गानों के लिए मशहूर मैथिली ठाकुर माता कौशल्या महोत्सव के दूसरे दिन अपनी प्रस्तुति देंगी वहीं कैलाश खेर महोत्सव के आखिरी दिन 24 अप्रेल को दर्शकों के सामने अपनी प्रस्तुति देंगे।

माता कौशल्या महोत्सव


संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी के वैभव को विश्व पटल पर स्थापित करने प्रदेश की कला, संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा देने, महिला सशक्तिकरण, कार्यशील कलाकारों के संरक्षण, संवर्धन एवं कला दलों के सतत् विकास हेतु इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर महोत्सव मनाने की घोषणा की थी। छत्तीसगढ़ में स्थित माता कौशल्या मंदिर पूरे देश में एक मात्र प्राचीन मंदिर है।


पर्यटन कैफे का होगा उद्घाटन
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर मंदिर परिसर में पर्यटन विभाग द्वारा तैयार पर्यटन कैफे का भी उद्घाटन किया । पयर्टन कैफे में छत्तीसगढ़ी व्यंजन सहित मिलेट्स कैफे का उत्पाद उपलब्ध होगा।


स्व-सहायता समूह की स्टॉलों में होगी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक
महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार मेला, उत्सवों एवं अन्य प्रदर्शनी आदि कार्यक्रमों के अवसर पर स्व-सहायता समूह द्वारा उत्पादित वस्तुओं के विक्रय एवं प्रचार-प्रसार हेतु को बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। महोत्सव के मौके पर भी महिला स्व-सहायता द्वारा उत्पादित वस्तुओं को विक्रय के लिए नौ स्टॉल तैयार किए गए हैं, जहां छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।

Bhoramdev
19 Apr

हेरिटेज वॉक एन टॉक का आयोजन

छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल, ट्रिप्स एन ट्रिपर्स के संयुक्त तत्वावधान व छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक श्री अनिल कुमार साहू (IFS) जी के पहल से हैरिटेज साइट्स को संरक्षण व जागरूकता एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 18 अप्रैल 2023 वर्ल्ड हैरिटेज डे उपलक्ष्य पर “हैरिटेज वॉक एन टॉक” का आयोजन भोरमदेव मंदिर, कवर्धा में किया गया।

हेरिटेज वॉक एन टॉक

हेरिटेज वॉक एन टॉक का आयोजन

श्री आदित्य श्रीवास्तव (पुरातत्ववेत्ता), डॉ कमला राम बिंद ,प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग व श्री अंकित दीवान पर्यटन व होटल प्रबंधन विभाग पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी ,रायपुर, श्री गुलाब डडसेना,जनसंपर्क अधिकारी,जिला कबरीधाम,श्री प्रेम पृथ्वी पाल लेवी लकड़ा, प्राचार्य, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अल्दा , ब्लॉक तिल्दा, सभी के द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज डे पर हेरिटेज वॉक एन टॉक के तहत उदबोधन प्रस्तुत किया गया। इस आयोजन पर 54 प्रतिभागी शामिल हुए। मोमेंटो व सर्टिफिकेट भी प्रदान किए गए। सभी ने प्राचीन धरोहर को संरक्षित करने हेतु संकल्प किया। सभी ने कार्यक्रम की सरहना की।

हेरिटेज डे क्यों मनाया जाता है ?

वर्ल्ड हेरिटेज दिवस वर्षभर में 18 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन उन स्थानों को समर्पित है जो यूनेस्को के विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं। इस दिन के माध्यम से, लोग अपने समुदायों के धरोहरों को संरक्षित करने की जरूरत के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य धरोहरों के संरक्षण,संवर्धन और विकास के लिए लोगों को जागरूक करना है। वर्ल्ड हेरिटेज दिवस के मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों, प्रदर्शनी और संगोष्ठियां आयोजित की जाती हैं जो लोगों को अपने धरोहरों के प्रति जागरूक करती हैं। इस साल विश्व विरासत दिवस “विरासत परिवर्तन” (Heritage Changes) के विषय के तहत मनाया गया।

Bogenvillea
15 Apr

दिल्ली पर्यटन विभाग लगा रहा बोगनवेलिया फूलों की प्रदर्शनी…

दिल्ली पर्यटन विभाग लगा रहा बोगनवेलिया फूलों की प्रदर्शनी…


फूलों की प्रदर्शनी देखने का अगर आप शौक रखते हैं तो यह खबर आपके लिए काफी काम की है। क्योंकि दिल्ली पर्यटन विभाग 14 अप्रैल से पहली बार बोगनवेलिया फूलों की प्रदर्शनी शुरू है जिसका आयोजन साकेत में स्थित गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज में होगा। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक इस प्रदर्शनी के दौरान बोगनवेलिया फूलों की विभिन्न प्रजातियों को प्रदर्शित किया जाएगा।
आपको बता दें कि बोगनवेलिया के पौधे और मोटी लताएं होती हैं जिन्हें उद्यानों, दीवारों और झाडिय़ों के रूप में लगाया जाता है। सामान्य तौर पर इसके फूल गर्मियों में खिलते हैं, लेकिन बेहतर परिस्थितियों में इसमें पूरे साल फूल आ सकते हैं।

दिल्ली पर्यटन विभाग लगा रहा बोगनवेलिया फूलों की प्रदर्शनी…


बोगनवेलिया के बारे में
इसे कागज़ का फूल भी कहा जाता है। बहुत ही कम देखभाल मे बग़ीचे को सुंदर और रंगीन बनाने में यह पौधा उत्तम है। अलग-अलग देशों में इससे अलग अलग नामों से जाना जाता है। मूलरूप से यह पौधा दक्षिण अमेरिका के देशों में पाया जाता है. आम तौर पर वहां के लोग इसे बग़ीचे मे एवं वह अपने घर के मुख्य द्वार पर लगाते हैं. इसकी खोज फिलबरट कॉमर्रसन और लुई एंटोनी डी बोगनविले  नाम के दो वैज्ञानिकों ने किया था. इनमें से एक वैज्ञानिक के नाम पर इस पौधे का नाम रखा गया।

दिल्ली पर्यटन विभाग


बोगेनवेलिया  और इस पौधे को जन समक्ष प्रस्तुत किया गया 1789 में. यह एक लता प्रजाति का पौधा है. पूरी दुनिया ने इस पौधे की 20 प्रजाति पाई जाती है जिसे लगभग 300 से ज्यादा कि़स्म के पौधे देखने को मिलते हैं. यह किसी भी प्रकार के मिट्टी और जलवायु में जि़ंदा रहते हैं. इनमें ज़्यादातर प्रजातियों के पौधे मैं नुकीले काँटे होते हैं. इसमें करीब बारहों महीने फूल होते है. ये सभी एक साथ खिलते हैं, फूलों के साथ-साथ पूरा पौधा भी हरा भरा हो जाता है. बोगेनवेलिया के फूल देखने में ही सुन्दर नहीं हैं बल्कि इसके बहुत सारे एलोपैथिक एवं आयुर्वेदिक इलाज सामने आए हैं. यह पौधा आयुर्वेद मे खांसी, दमा, पेचिश, पेट या फेफड़ों के तकलीफ जैसी समस्याओं मे उपयोग में लाया जाता है।