दिसंबर की छुट्टियां बिताएं उत्तराखंड की वादियों में…
दिसंबर की छुट्टियां बिताएं उत्तराखंड की वादियों में…
छुट्टियों में घूमने का अपना अलग ही मजा होता है। खासकर, सर्दियों का सीजन हो तो मजा दुगुना हो जाता है। आप ठंडी जगह घूमने का प्लान कर रहे हैं तो इस बार आप उत्तराखंड की वादियों में घूमने जाएं। आप सोच रहे हैं कि उत्तराखंड में आखिर घूमने की जगह-जगह कहां-कहां है तो हम आपको यहां बता रहे हैं उन जगहों के बारे में…
दिसंबर – चमोली
चमोली भारतीय राज्य उत्तरांचल का एक जिला है। बर्फ से ढके पर्वतों के बीच स्थित यह जगह काफी खूबसूरत है। चमोली अलकनंदा नदी के समीप बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित है। यह उत्तराचंल राज्य का एक जिला है। यह प्रमुख धार्मिल स्थानों में से एक है। काफी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। चमोली की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
पूरे चमोली जिले में कई ऐसे मंदिर है जो हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। चमोली में ऐसे कई बड़े और छोटे मंदिर है तथा ऐसे कई स्थान है जो रहने की सुविधा प्रदान करते हैं। इस जगह को चाती कहा जाता है। चाती एक प्रकार की झोपड़ी है जो अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। चमोली मध्य हिमालय के बीच में स्थित है।
दिसंबर – कनाताल
कनाताल उत्तराखंड़ की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। कनाताल भारत के उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी गढ़वाल जि़ले में स्थित एक गाँव है। यह चम्बा से 12 किमी दूर है। कनाताल में प्रसिद्ध सुरकंडा देवी मन्दिर स्थित है। कनाताल में आप फलों के पेड़, सेब के बाग, हरे भरे जंगल और शानदार पहाडिय़ों का लुत्फ उठा सकेंगे। इसके साथ ही ये जगह आपको बहुत शांति भी महसूस कराएगी। ये देहरादून, मसूरी और चंबा जैसे कुछ फेमस टूरिस्ट प्लेसेज से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है।
दिसंबर – चंबा
चंबा हिमाचल प्रदेश का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। जहां हर साल काफी भारी संख्या में लोग अपने पार्टनर्स के साथ घूमने आते हैं। हिमाचल प्रदेश का चंबा अपने रमणीय मंदिरों और हैंडीक्राफ्ट के लिए सर्वविख्यात है। रवि नदी के किनारे 996 मीटर की ऊँचाई पर स्थित चंबा पहाड़ी राजाओं की प्राचीन राजधानी थी। चंबा को राजा साहिल वर्मन ने 920 ई. में स्थापित किया था। इस नगर का नाम उन्होंने अपनी प्रिय पुत्री चंपावती के नाम पर रखा। चारों ओर से ऊंची पहाडिय़ों से घिरे चंबा ने प्राचीन संस्कृति और विरासत को संजो कर रखा है। प्राचीन काल की अनेक निशानियां चंबा में देखी जा सकती हैं।