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मांझिनगढ़ पर्यटन स्थल जैव विविधता पार्क के रूप में होगा विकसित… -
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 / India  / Chhattisgarh  / मांझिनगढ़ पर्यटन स्थल जैव विविधता पार्क के रूप में होगा विकसित…
Manjhingarh
20 Mar

मांझिनगढ़ पर्यटन स्थल जैव विविधता पार्क के रूप में होगा विकसित…

मांझिनगढ़ पर्यटन स्थल जैव विविधता पार्क के रूप में होगा विकसित…


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बांसकोट में केशकाल विधानसभा के ग्राम बांसकोट में मांझीनगढ़ पर्यटन स्थल को जैव विविधता पार्क के रूप में जंगल सफारी की तर्ज पर विकसित करने की योजना की है।


मांझिनगढ़ पर्यटन स्थल


मांझीनगढ़ कोंडागाँव जिले के एक विशेष प्रचलित होते ईको टूरिज्म स्थल के रूप में लोगों को लुभा रहा है। यहां के घने जंगल, वन्य जीव, औषधीय पौधे, प्रागेतिहासिक चित्रकला, सुंदर मनमोहक वादियाँ तथा भौगोलिक संरचनायें पर्यटकों को एक विशेष अनुभव प्रदान करती हैं।


कोंडागाँव जिले के अन्य पर्यटन स्थल:


कटुलकासा जलप्रपात, होनहेडो
कटुलकासा जलप्रपात, होनहेडो- ग्राम पंचायत होनहेड़ से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर जंगलों के बीच यह बारहमासी झरना है। यह अब तक अनदेखा और लोगों से छिपा हुआ है। इसकी ऊंचाई 80 फीट के करीब है। पर्यटन की दृष्टि से यह एक मनोहरी स्थल के रूप विकसित हो रहा है। इसकी खूबसूरती बारिश के दिनों में और ज्यादा बढ़ जाती है।

मांझिनगढ़ पर्यटन स्थल


होनाबेडग़ो(चेरबेडा ) जलप्रपात
यह चेरबेडा जलप्रपात के नाम से भी प्रसिद्ध है। बस्तर के मेंदरी घूमर जैसा ही प्रतीत होता यह जलप्रपात।ट्रेकिंग के दृष्टि से काफी अच्छा है। केशकाल क्षेत्र के पठार से अनेकों झरने प्रवाहित होते हैं जिनसे से एक चेरबेडा जलप्रपात भी है। घने जंगलों से आच्छादित चेरबेडा जलप्रपात पर्यटकों का मन मोह लेता है।


जटायु शिला
जटायु शिला कोंडागांव फरसगांव मुख्य मार्ग से 3 किमी की दूरी पर स्थित है द्य यहाँ पहाड़ी के ऊपर बड़ी-बड़ी शिलाए है  शिलाओ तथा वाच टावर से मनोहरी प्राकृतिक दृश्य दिखाई देते  हैं द्य कहा जाता है कि इसी स्थान पर रामायण काल में सीता जी के हरण के दौरान रावण एवं जटायु के मध्य संघर्ष हुआ था।