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Gariaband
23 Aug

पहले नक्सलियों से डर था, अब सुंदरता आकर्षित कर रही।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गरियाबंद जिला अपनी खूबसूरत वादियों के कारण सैलानियों की पहली पसंद में शामिल होता जा रहा है। बता दें कि चारों तरफ से पहाड़ से घिरे होने के चलते पहले इसका नाम गिरिबंद था, जिसे अब गरियाबंद के नाम से जाना जाता है।

इन दिनों इंटरनेट पर इस क्षेत्र की खूबसूरती सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। कभी नक्सलियों के गढ़ के रूप में जाना जाने वाले इस क्षेत्र में कई शहरों से सैलानी पहुंच रहे हैं। छुट्टियों के दिन यहां 12 से 15 हजार टूरिस्ट आते हैं।

पहले नक्सलियों से डर था, अब सुंदरता आकर्षित कर रही।

कभी नक्सलियों के नाम से खौफ खाते थे लोग… मगर अब यहां की सुंदरता देख दौड़े आ रहे हैं सैलानी

इस क्षेत्र में रानी दहरा और पैरी घुम्मर जलाशय, गजपल्ला वॉटरफॉल जैसे प्राकृतिक सौंदर्य स्थल की खूबसूरती भी सैलानियों भा रहे हैं। मैनपुर स्थित सिकासेर डेम, देवधारा वॉटरफॉल की खूबसूरती देखने के लिए भी दूर दूर से सैलानी आ रहे है। उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व द्वारा कुल्हाड़ी घाट जिसे कभी नक्सल गढ़ माना जाता था वहां के जलाशय में अब लोग बोटिंग और कई एडवेंचर स्पोर्ट्स खेलते नजर आते हैं।

गरियाबंद के जंगल और हाईवे के साथ गुजरने वाली नदी इसकी सुंदरता को चार चांद लगा देती है। इस नदी के कारण ऐसा लगता है कि गरियाबंद शहर किसी समुद्र के किनारे बसा है।

पिछले कुछ सालों में यहां आने वाले टूरिस्टों की संख्या में कई गुना इजाफा हुआ है। इससे यहां के व्यापारियों को आर्थिक लाभ भी हो रहा है। युवा वर्ग में यह शहर मिनी गोवा के नाम से मशहूर हो चला है। बारूका स्थित चिंगरा पगार वॉटरफॉल, भूतेश्वर नाथ महादेव जतमई, घटारानी की सुंदरता को लोग इंटरनेट पर खूब पसंद कर रहे हैं।