” सस्टेनेबल टूरिज्म ” की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा प्रदेश
न्यू सर्किट हाउस के सेमिनार हॉल में बुधवार को छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने सस्टेनेबल टूरिज्म पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की। इस कार्यशाला का उद्देश्य स्टेकहोल्डर्स को छत्तीसगढ़ में पर्यटन के क्षेत्र में उनकी क्षमता और लक्ष्य को निर्धारित करना और विभिन्न समुदायों को प्रेरित करना था।
इस कार्यशाला को प्रसिद्ध संस्था ‘टॉफ टाइगर्स‘ ने संचालित किया । सुश्री चिंदु चंदन ने ट्रेव्हल इण्डस्ट्री की कुछ प्रमुख गतिविधियों के बारे में अपना वक्तव्य दिया । टॉफ टॉइगर्स एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो जंगलों और ग्रामीण अंचल के वातावरण को सुरक्षित एवं संरक्षित रखते हुए सस्टेनेबल टूरिज्म को कैसे स्थायी और प्रभावकारी बनाया जा सकता है। इस प्रयास में कार्यरत् है। ये कार्यशाला सभी लोगों के लिए नि:शुल्क आयोजित थी। इस कार्यशाला का उद्घाटन छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की उपाध्यक्ष श्रीमती चित्ररेखा साहू ने किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में संचालक मंडल के सदस्य अंकित बागबाहरा, श्रीमती नैना गभेल, प्रबंध संचालक छग टूरिज्म बोर्ड अनिल कुमार साहू, IFS के साथ टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंसी, होटल सेक्टर और टूरिज्म बोर्ड के अधिकारी उपस्थित थे।
सस्टेनेबल टूरिज्म की दिशा में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अविस्मरणीय प्रयास से तेजी से आगे बढ़ रहा प्रदेश
इस कार्यशाला के दूसरे सत्र को छ.ग. के प्रसिद्ध मास्टर शेफ विजय शर्मा ने भी संबोधित किया-मिलेट्स के महत्व, पौष्टिकता और उपलब्धता पर विजय शर्मा ने अपनी बात रखी और प्रायोगिक तौर पर उन्होनें कोदों और आम की खीर बनाकर श्रोताओं और प्रतिभागियों को खिलाकर इस आयोजन को और अधिक सार्थक किया।
कार्यशाला के अंत में टॉफ टाइगर्स की सुश्री रितु माखिजा और सुश्री चिंदू चंदन ने कार्यशाला में उपस्थित सभी स्टेकहोल्डर्स और प्रतिभागियों के सवालों का जवाब दिया और सस्टेनेबल पर्यटन के प्रति पर्यटकों के अनुभव, संबद्धता, मॉनिटरिंग और मूल्यांकन से संबंधित जवाब दिए।
कार्यशाला का समापन छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव के मुख्य आतिथ्य में हुआ। उन्होनें छत्तीसगढ़ में सतत् पर्यटन की उपलब्धि, संभावना और पर्यटको की जागरूकता पर अपनी बात रखते हुए स्टेकहोल्डर्स और पर्यटकों से अपील की कि केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं वरन् देश में सस्टेनेबल टूरिज्म के लिए इको सिस्टम, स्वच्छता और जागरूकता बनाए रखें। अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ में यदि सतत् पर्यटन को सार्थक दिशा देना है तो हमारे जनजातीय समुदाय और स्थानीय लोगों को इससे जोडऩा होगा ताकि स्थानीय विशेषता संस्कृति और जीवन शैली को भी एक मुकाम प्राप्त हो सके।