स्थायी और विख्यात पर्यटन स्थलों के विकास के लिए कार्यशाला…
स्थायी और विख्यात पर्यटन स्थलों के विकास के लिए कार्यशाला…
प्रतिभागियों ने जिम्मेदारी से यात्रा करने ली ट्रैवल फॉर लाइफ प्रतिज्ञा
स्थायी और विख्यात पर्यटन स्थलों को विकसित करने और देश में स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, पर्यटन मंत्रालय (एमओटी) ने भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान (आईआईटीटीएम), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म सोसाइटी ऑफ़ इंडिया (आरटीएसओआई) के सहयोग से 28 फरवरी को हैदराबाद में स्थायी और विख्यात पर्यटन स्थलों के विकास पर तीसरी क्षेत्रीय कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों केन्द्र शासित प्रदेशों जैसे आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना के पर्यटन उद्योग के हितधारकों की व्यापक भागीदारी देखी गई।
कार्यशाला में दक्षिणी क्षेत्र के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों के पर्यटन विभागों के प्रतिनिधियों द्वारा भी प्रस्तुतियां दी गईं, जिसमें उनकी श्रेष्ठ स्थायी पर्यटन कार्य प्रणालियों पर ध्यान आकर्षित किया गया। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने अपने कार्यों के सकारात्मक आर्थिक, पर्यावरणीय, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभावों जैसे कि कई समुद्र तटों के लिए ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्राप्त करना, धारण क्षमता को लागू करते हुए आर्थिक विकास, और जिम्मेदार पर्यटन पहलों और ग्रामीण पर्यटन विकास को वैश्विक मान्यता के बारे में विस्तृत बातचीत की।
स्थायी पर्यटन के लिए केन्द्रीय नोडल एजेंसी, भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान ने प्रतिभागियों को भारत के लिए स्थायी पर्यटन मानदंड (एसटीसीआई) की मुख्य विशेषताओं की जानकारी दी। प्रतिभागियों ने जिम्मेदारी से यात्रा करने की अपनी प्रतिबद्धता की तलाश करने के लिए ट्रैवल फॉर लाइफ प्रतिज्ञा भी ली। सत्र के दौरान स्थायी साहसिक कार्य, धरोहर और तटीय पर्यटन के लिए मुख्य प्रमुख क्षेत्रों और प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला गया।
भारत की जी20 अध्यक्षता को ध्यान में रखते हुए ग्रीन टूरिज्म को प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक के रूप में पहचाना गया है। स्थायी पर्यटन के लिए क्षेत्रीय कार्यशालाएं पर्यटन क्षेत्र में मुख्यधारा की स्थिरता के भारत के प्रयासों को मजबूत करती हैं। पर्यटन कार्य समूह स्थायी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक वाहन के रूप में पर्यटन का उपयोग करने के लिए एक रोडमैप पर काम कर रहा है। कार्यशाला ने स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में पर्यटन मंत्रालय, राज्य सरकारों/केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों और उद्योग हितधारकों के बीच जुड़ाव को मजबूत किया।