उत्तराखंड की खूबसूरत पहाडिय़ां दिलाती स्विट्जरलैंड की याद
उत्तराखंड उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण 9 नवम्बर 2000 को हुआ। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। उत्तराखण्ड में बहुत से पर्यटन स्थल है जहाँ पर भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं, जैसे नैनीताल और मसूरी। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं- केदारनाथ, नैनीताल, गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ, अल्मोड़ा, ऋषिकेश, हेमकुण्ड साहिब, नानकमत्ता, फूलों की घाटी, मसूरी, देहरादून, हरिद्वार, औली, बेदिनी, चकराता, रानीखेत, बागेश्वर, भीमताल, कौसानी, रूपकुण्ड, लैंसडाउन।
उत्तराखंड राज्य अपने खूबसूरत, ऊंचे पहाड़ों, हरे-भरे घास के मैदानों और घुमावदार सड़कों के लिए प्रसिद्ध है। यूं तो उत्तराखंड में बहुत सी झीलें हैं लेकिन यहां कुछ झीलें ऐसी भी हैं जो काफी ऊंचे पहाड़ों पर स्थित हैं। ऐसे में आज हम आपको उत्तराखंड के पर्वतों के बीच छिपी कुछ ऐसी झीलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको स्विट्जरलैंड की याद दिला देंगी.
उत्तराखंड की झीले एवं पहाड़ :-
1. रूपकुंड लेक- रूपकुंड लेक उत्तराखंड की सबसे ऊंची झीलों में से एक है। रूपकुंड झील उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यहां से आप त्रिशूल पीक को आसानी से देख सकते है। इस झील को रहस्यमयी झील के नाम से भी जाना जाता है।
2. केदार ताल – केदार ताल उत्तरकाशी क्षेत्र में 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक ग्लेशियर झील है. केदार ताल से थलयासागर चोटी को आसानी से देखा जा सकता है.
3. हेमकुंड झील- इस झील को काफी पवित्र माना जाता है. इस झील का पानी साल में 8 महीने जमा ही रहता है. यह झील बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरी है।
4. सातताल झील- यह झील नैनीताल से 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां पर सात झीलों का एक समूह है.
5. देव ताल- देव ताल को देवताओं के ताल के नाम से जाना जाता है. माना जाता है कि इस ताल में देवता स्नान करते थे। यह ताल चारों तरफ से बर्फ के पहाड़ों से घिरा हुआ है।