उत्तराखंड पर्यटन विभाग का बड़ा फैसला….
उत्तराखंड पर्यटन विभाग का बड़ा फैसला…पर्वतारोहियों का शुल्क चुकाएगा विभाग…जानें क्या है उत्तराखंड में खास…
उत्तराखंड में पर्वतारोहण को बढ़ावा देने को पर्यटन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। अब पर्वतारोहण के लिए उत्तराखंड आने वाले पर्वतारोहियों को वन विभाग को अलग अलग तरक के शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। वन विभाग को पर्यटन विभाग खुद यह सारे शुल्क चुकाएगा।
पर्वतारोहियों को अपना अभियान शुरू करने से पहले वन विभाग को पीक फीस, कैपिंग साइट फीस, इन्वायरमेंटल समेत सर्विस हैडलिंग चार्ज के रूप में भुगतान करना होता है। अब इन सभी शुल्क का पर्यटन विभाग अपने स्तर पर वन विभाग को भुगतान करेगा। इसे लेकर पर्यटन और वन विभाग के बीच सहमति बन गई है।
जानें क्या है उत्तराखंड में खास
फुरसती, साहसिक और धार्मिक पर्यटन उत्तराखण्ड की अर्थव्यस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान और बाघ संरक्षण-क्षेत्र और नैनीताल, अल्मोड़ा, कसौनी, भीमताल, रानीखेत और मसूरी जैसे निकट के पहाड़ी पर्यटन स्थल जो भारत के सर्वाधिक पधारे जाने वाले पर्यटन स्थलों में हैं। पर्वतारोहियों के लिए राज्य में कई चोटियाँ हैं, जिनमें से नंदा देवी, सबसे ऊँची चोटी है और 1982 से अबाध्य है। अन्य राष्टीय आश्चर्य हैं फूलों की घाटी, जो नंदा देवी के साथ मिलकर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। हरिद्वार में प्रति बारह वर्षों में कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें देश-विदेश से आए करोड़ो श्रद्धालू भाग लेते हैं।
पर्यटन स्थल
उत्तराखण्ड में बहुत से पर्यटन स्थल है जहाँ पर भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं, जैसे नैनीताल और मसूरी। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं:
केदारनाथ, नैनीताल, गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ, अल्मोड़ा, ऋषिकेश, हेमकुण्ड साहिब, नानकमत्ता, फूलों की घाटी, मसूरी, देहरादून, हरिद्वार, औली, बेदिनी, चकराता, रानीखेत, बागेश्वर, भीमताल, कौसानी, रूपकुण्ड, लैंसडाउन।