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आर्द्रभूमि संरक्षण व ईको-टूरिज्म पर वर्कशॉप - Travel News
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Wetland Conservation
16 Jun

आर्द्रभूमि संरक्षण व ईको-टूरिज्म पर वर्कशॉप

विगत 14.06.23 को छत्तीसगढ़ प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के माननीय अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव जी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से कंजर्वेशन कोर सोसाइटी द्वारा “आर्द्रभूमि संरक्षण व ईको-टूरिज्म” विषय पर वर्कशॉप, व्याख्यान और पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया।

इसमें दुनिया के जाने-माने पर्यावरणविद डॉक्टर एरिक भरुचा मुख्य वक्ता के रूप में जो आर्द्रभूमि संरक्षण और इको-टूरिज्म के सतत विकास के विशेषज्ञ हैं, डॉ. एस के सिंह सेवानिवृत अपर मुख्य प्रधान वन संरक्षक, शैलेंद्र कुमार, प्रखर प्रवक्ता, एलिस लकड़ा, रूरल लाइवलीहुड मिशन, बिपाशा पॉल, रिसर्चर पर्यावरण विद, अभयनारायण रॉय, मान.उपाध्यक्ष, अरपा विकास प्राधिकरण, स्थानीय पर्यावरण प्रकृति प्रेमी बुद्धिजीवी वर्ग, छात्र छात्राओं होटेलियर्स, टूर ऑपरेटर्स, ट्रैवल एजेंट के साथ काफी संख्या में जिला प्रशासन और पर्यटन, वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

इस व्याख्यान में छत्तीसगढ़ के जलाशयों में ईको टूरिज्म, प्रवासी पक्षियों के सरंक्षण उसके संभावनाओ पर जोर देने, स्कूल कालेज के छात्र-छात्राओं को प्रांरभ से पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का सुझाव दिया। स्थानीय स्वयं सहायता समूह को पर्यटन के माध्यम से उनके आजीविका के लिए होम स्टे, नेचर गाइड ट्रेनिंग, उत्पादों के क्रय विक्रय बढ़ाने कम्युनिटी को जोड़ने के लिए प्रयास करने सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार व्यक्त किया गया।

आर्द्रभूमि संरक्षण व ईको-टूरिज्म पर वर्कशॉप

आर्द्रभूमि संरक्षण व ईको-टूरिज्म का क्या मतलब है?..

आर्द्रभूमि संरक्षण (Ecological Conservation) एक प्रकार का पर्यावरणीय संरक्षण है जिसमें प्राकृतिक संसाधनों की संरक्षण और प्रबंधन के माध्यम से पृथ्वी की पर्यावरणीय समता और स्थायित्व की रक्षा की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रकृति की विविधता, प्राकृतिक संसाधनों की बरकरारी और प्राकृतिक प्रक्रियाओं की संतुलन बनाए रखना है। आर्द्रभूमि संरक्षण के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, वनों की संरक्षण, जल संरक्षण, मृदा संरक्षण और जैव प्रणालियों की संरक्षण जैसे मुद्दे शामिल होते हैं।

ईको-टूरिज्म (Ecotourism) एक पर्यटन आधारित गतिविधि है जो प्रकृति के संरक्षण और स्थायित्व को मध्यस्थता के रूप में स्वीकारती है। यह पर्यटन का एक रूप है जो प्राकृतिक संसाधनों, जैव विविधता और स्थानीय संस्कृति के प्रदर्शन के माध्यम से विकास को प्रमोट करता है, साथ ही स्थानीय आरामदायक विकास को बढ़ावा देता है।