9वीं वंदे भारत एक्सप्रेस : मात्र 8 घंटे में भोपाल से दिल्ली का सफर
9वीं वंदे भारत एक्सप्रेस : मात्र 8 घंटे में भोपाल से दिल्ली का सफर देश की सबसे तेज गति वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन एक अप्रैल से अब दिल्ली से भोपाल रूट पर भी चलाई जाएगी। यह देश की 9वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन होगी। भोपाल के लिए इस नई ट्रेन से एक तरफ सफर आरामदायक होगा तो वहीं दूरी भी महज 8 घंटे की ही रह जाएगी। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और 7 घंटे 50 मिनट की अवधि में सफर पूरा...
कोल इंडिया लिमिटेड ने 30 खनित क्षेत्रों को ईको-टूरिज्म स्थलों में परिवर्तित किया
कोल इंडिया लिमिटेड ने 30 खनित क्षेत्रों को ईको-टूरिज्म स्थलों में परिवर्तित कियाकोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) अपनी परित्यक्त खदानों को इको-पार्क में बदलने की प्रक्रिया में है, जो इको-टूरिज्म के स्थलों के रूप में लोकप्रिय हो गए हैं। ये इको-पार्क और पर्यटन स्थल स्थानीय लोगों के लिए आजीविका का स्रोत भी साबित हो रहे हैं। ऐसे तीस इको-पार्क पहले से ही लोगों को निरंतर आकर्षित कर रहे हैं तथा सीआईएल के खनन क्षेत्रों में और अधिक संख्या में इको पार्क एवं इको-पुनस्र्थापना स्थलों के निर्माण की योजनाएं चल रही हैं। कोयला...
वाराणसी से इंदौर के बीच सीधी उड़ान सेवा की तैयारी…
आसान हो जाएगा काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महाकालेश्वर धाम आना इंडिगो एयरलाइंस वाराणसी से इंदौर के बीच सीधी उड़ान सेवा प्रारम्भ करने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक इस सम्बंध में निजी एयरलाइंस के अधिकारियों ने वाराणसी से इंदौर हवाई रूट पर विमान संचालन को लेकर सर्वे का कार्य पूरा कर लिया है। जल्द ही इस हवाई मार्ग पर इंडिगो एयरलाइंस का विमान उड़ान भर सकता है। अभी वाराणसी से इंदौर के बीच कोई सीधी उड़ान सेवा नहीं है। विमान सेवा शुरू होने से दोनों ज्योर्तिलिंग का दर्शन करने वालों...
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पीएम ने की इंदौर की तारीफ
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पीएम ने कहा- खानपान के लिए अपन का इंदौर पूरी दुनिया में लाजवाब...
महेश्वर – सुंदर और भव्य घाट वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
सुंदर और भव्य घाट वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल महेश्वर यह शहर हैहयवंशी राजा सहस्रार्जुन, जिसने रावण को पराजित किया था, की राजधानी रहा है। ऋषि जमदग्नि को प्रताडि़त करने के कारण उनके पुत्र भगवान परशुराम ने सहस्रार्जुन का वध किया था। कालांतर में महान देवी अहिल्याबाई होल्कर की भी राजधानी रहा है। नर्मदा नदी के किनारे बसा यह शहर अपने बहुत ही सुंदर व भव्य घाट तथा महेश्वरी साडिय़ों के लिये प्रसिद्ध है। घाट पर अत्यंत कलात्मक मंदिर हैं जिनमे से राजराजेश्वर मंदिर प्रमुख है। आदिगुरु शंकराचार्य तथा पंडित मण्डन मिश्र...
मुक्तागिरि – दिगम्बर जैन संप्रदाय के 52 मंदिर
मुक्तागिरिमध्य प्रदेश के बैतूल जिले के विकासखण्ड भैसदेही की ग्राम पंचायम थपोडा में सिथत है महान जैन तीर्थ मुक्तागिरि। मुक्तागिरि अपनी सुन्दरता, रमणीयता और धार्मिक प्रभाव के कारण लोगों को अपनी और आकर्षित करता है। इस स्थान पर दिगम्बर जैन संप्रदाय के 52 मंदिर है। इन मंदिरों का तथा क्षेत्र का संबंध श्रेणीक विम्बसार से बताया जाता है। यहां मंदिर में भगवान पाश्र्वनाथ की सप्तफणिक प्रतिमा स्थापित है जो शिल्पकार का बेजोड नमूना है। इस क्षेत्र में सिथत एक मानस्तंभ, मनकों शांति और सुख देने वाला है। निर्वाण क्षेत्र में...
करौली – लाल पत्थरों में चमकता शहर
करौली मध्य-प्रदेश के बार्डर पर स्थित है तथा इसके दूसरे सिरे पर आप रणथम्भौर के शेरों की दहाड़ भी सुन सकते हैं। यहाँ की इमारतें लाल पत्थरों से बनी होने के कारण अलग से ही नजर आती है। करौली की प्राकृतिक सम्पदा विशेष तौर पर, यहाँ निकलने वाला लाल पत्थर है, जो कि पूरे भारत में सप्लाई किया जाता है। करौली में आपको विस्मयकारी आकर्षण और अनूठे स्थल देखने को मिलेंगे। करौली - लाल पत्थरों में चमकता शहर में स्थित मंदिर कैला देवी मन्दिरकरौली के बाहरी इलाके में लगभग 25...
महिला ई-रिक्शा चालक…महिलाएं बेफिक्र होकर घूम सकेंगी भेड़ाघाट…
महिला ई-रिक्शा चालक - मध्यप्रदेश में महिला पर्यटक अब और बेफिक्र होकर सैर सपाटा करें, इसके लिए जल्द ही जबलपुर के भेड़ाघाट में खास ड्रेस कोड के साथ महिला ई-रिक्शा चालक नजर आएंगी।मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, मध्यप्रदेश में सोलो वीमेन टूरिज्म पर फोकस किया जा रहा है। राज्य में महिला पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए बनी कार्य योजना जल्द मूर्त रूप लेगी। प्रदेश में महिला पर्यटक अब और बेफिक्र होकर सैर सपाटा करें। इसके लिए जल्द ही जबलपुर के भेड़ाघाट में खास ड्रेस कोड के साथ महिला ई-रिक्शा चालक...
सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य
सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य मध्य प्रदेश के सीधी जि़ला में स्थित एक जीव अभ्यारण्य है। यह भारत के कुछ स्थानों में से एक है जहाँ घडिय़ालो को उनके प्राकृतिक आवास में देखा जा सकता हैं। यह अभयारण्य घडिय़ाल के संरक्षण के लिए समर्पित है, जिसे दुनिया में सबसे लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक माना जाता है। सोन नदी पर केन्द्रित होने के कारण इस अभयारण्य का नाम यहां से लिया गया है। वास्तव में, इन जंगलों में रहने वाली वन्यजीव प्रजातियां अपने अस्तित्व के लिए नदी पर बहुत कुछ निर्भर करती...
जैव विविधता का अनोखा खजाना, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में होगा पक्षी सर्वेक्षण
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान...