सर्दियों में गर्मियों का मजा लेना है…तो घूम आएं इन जगहों पर…
सर्दियों में गर्मियों का मजा लेना है...
गंधेश्वर नाथ मंदिर :- मुख्यमंत्री ने किया दर्शन
गंधेश्वर नाथ मंदिर : सुबह, दोपहर और संध्याकाल शिवभक्तों को मिलता है अलग-अलग खुशबुओं का एहसास मुख्यमंत्री ने किया दर्शनमुख्यमंत्री ने आज सिरपुर स्थित गंधेश्वर नाथ मंदिर में विधिवत पूजन कर प्रदेश वासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की । मुख्यमंत्री का शंखध्वनि एवं मंत्रोच्चार के साथ मंदिर द्वार पर स्वागत किया गया। उन्होंने गंधेश्वर नाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों के साथ चर्चा की और मंदिर के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने गंधेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में कदंब के पौधे का भी रोपण किया। मुख्यमंत्री ने मंदिर प्रांगण से...
दिसंबर की छुट्टियां बिताएं उत्तराखंड की वादियों में…
दिसंबर की छुट्टियां बिताएं उत्तराखंड की वादियों में… छुट्टियों में घूमने का अपना अलग ही मजा होता है। खासकर, सर्दियों का सीजन हो तो मजा दुगुना हो जाता है। आप ठंडी जगह घूमने का प्लान कर रहे हैं तो इस बार आप उत्तराखंड की वादियों में घूमने जाएं। आप सोच रहे हैं कि उत्तराखंड में आखिर घूमने की जगह-जगह कहां-कहां है तो हम आपको यहां बता रहे हैं उन जगहों के बारे में...
वंदे भारत एक्सप्रेस छत्तीसगढ़ में दौड़ती नजर आएगी
छत्तीसगढ़ में अब देश की सबसे आधुनिक ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ती नजर आएगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिसंबर को नागपुर में हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को बिलासपुर के लिए रवाना करेंगे। वंदे भारत ट्रेन के परिचालन से छत्तीसगढ़ के यात्रियों को लाभ मिलेगा। इस ट्रेन से बिलासपुर से नागपुर तक का सफर महज 5.30 घंटे में ही यात्री पूरा कर सकेंगे। इसके लिए यात्री किराए का निर्धारण भी कर दिया गया है। ट्रेन बिलासपुर से नागपुर के बीच 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से वंदे भारत एक्सप्रेस को...
फिश फार्म के लिए प्रसिद्ध है हिमाचल प्रदेश का बरोट
फिश फार्म के लिए प्रसिद्ध है हिमाचल प्रदेश का बरोट हिमाचल प्रदेश का बरोट 1835 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उहल नदी के तट पर एक सुंदर जगह है। यह अपने ट्राउट फिश फार्म के लिए प्रसिद्ध है। यह मत्स्यपालन विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है और मतस्य आखेट प्रतियोगिता हर साल आयोजित किया जाता है। अंग्रेजों द्वारा निर्मित शानन पावर प्रोजेक्ट का जलाशय यहां स्थित है जो बरोट की सुंदरता बढ़ाता है। बरोट 278 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले नर्गू वन्यजीव अभयारण्य का गेटवे भी है। यह मोनल,...
हिल स्टेशन माउंट आबू शिमला से भी ठंडा…पारा शून्य डिग्री पर
हिल स्टेशन माउंट आबू शिमला से भी ठंडा...
छत्तीसगढ़ की पर्वतारोही नैना सिंह को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
छत्तीसगढ़ की पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ को राष्ट्रपति के हाथों मिला लैंड एडवेंचर राष्ट्रीय पुरस्कार बस्तर की बेटी और प्रदेश की पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों तेजनिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत लैंड एडवेंचर का पुरस्कार मिला है, दरअसल नैना सिंह धाकड़ भारत की पहली महिला बन गई हैं जिसने माउंट एवरेस्ट और माउंट लहोत्से में 10 दिनों के भीतर सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की है और इस साहसिक कार्य के लिए राष्ट्रपति ने तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत 15 लाख रुपए की राशि,...
वर्कला – अरब सागर से सटे अद्वितीय चट्टान के लिए फेमस
वर्कला - अरब सागर से सटे अद्वितीय चट्टान के लिए फेमस है घूमने के शौकीन हमेशा कुछ ऐसी जगहों की तलाश में रहते हैं, जहां उन्हें कुछ अलग ही मिले। इसलिए वे हर उस जगह पर पहुंचने की कोशिश करते हैं जहां उन्हें बिल्कुल नया अनुभव मिले। ऐसा ही एक जग है वर्कला। यह केरल के दक्षिणी भाग में मौजूद एक खूबसूरत शहर है जो अरब सागर से सटे अद्वितीय 15 मीटर ऊंचे उत्तरी चट्टान के लिए जाना जाता है। वर्कला तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेंद्रम) के 51 किमी पश्चिमोत्तर व कोल्लम से...
महेश्वर – सुंदर और भव्य घाट वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
सुंदर और भव्य घाट वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल महेश्वर यह शहर हैहयवंशी राजा सहस्रार्जुन, जिसने रावण को पराजित किया था, की राजधानी रहा है। ऋषि जमदग्नि को प्रताडि़त करने के कारण उनके पुत्र भगवान परशुराम ने सहस्रार्जुन का वध किया था। कालांतर में महान देवी अहिल्याबाई होल्कर की भी राजधानी रहा है। नर्मदा नदी के किनारे बसा यह शहर अपने बहुत ही सुंदर व भव्य घाट तथा महेश्वरी साडिय़ों के लिये प्रसिद्ध है। घाट पर अत्यंत कलात्मक मंदिर हैं जिनमे से राजराजेश्वर मंदिर प्रमुख है। आदिगुरु शंकराचार्य तथा पंडित मण्डन मिश्र...
देवगुड़ियों और घोटूलों का किया जा रहा संरक्षण
सांस्कृतिक धरोहरों से परिपूर्ण बस्तर संभाग में शासन की महत्वपूर्ण योजना के तहत संभाग के देवगुड़ियों, मातागुड़ी, घोटुल और मृतक स्मारक स्थलों को संरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत बस्तर संभाग में 06 हजार 318 देवगुड़ी, मातागुड़ी, घोटुल और मृतक स्मारक स्थलों को संरक्षित करने के लिए राजस्व अभिलेख में शत प्रतिशत दर्ज कर लिया गया है, जिसमें 02 हजार 481 देवगुड़ी, 02 हजार 935 मातागुड़ी, 564 घोटुल और 338 प्राचीन मृतक स्मारक शामिल हैं। देवगुड़ियों और मातागुड़ियों के लिए साथ ही घोटुलों के जीर्णोद्धार और...