भारत देश का आखिरी गांव
भारत देश का आखिरी गांव लोंगवा गांव का एक हिस्सा भारत में है तो दूसरा दूसरे देश में. यह भारत देश का आखिरी गांव के नाम से भी जाना जाता है.लोंगवा गांव भारत के नागालैंड और म्यांमार की सीमा पर स्थित है. मतलब यह गांव दो देशों के अलग अलग हिस्सों में आधा अधा बटा हुआ है. यह गांव नागालैंड के मोन जिले में बसा हुआ है. जो देश के आखिरी गांव के नाम से भी जाना जाता है. आइए आपको इस गांव के एक नहीं बल्कि कई रोचक तथ्यों से रूबरू...
गौधारा (दलदली) – एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल
महासमुन्द से लगभग 10 किमी पूर्व की ओर एक दर्शनीय स्थल गौधारा दलदली स्थित है। मानव जाति के अद्भुत इतिहास के एक अंश के रूप में छत्तीसगढ़ के दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित गौधरा दलदली एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह एक खूबसूरत गुफा है जो लगभग 2000 वर्ष पुरानी है। इस गुफा में गहरी विविधताओं वाले दो खड़ग लगभग आधा मीटर समेत अनेक वस्तुएं बरामद की गई हैं। गौधारा (दलदली) गुफा के अलावा, यहां कई आकर्षक स्थान हैं जो पर्यटकों को खींचते हैं। यहां आप चरमोत्कर्ष, वन ट्रैकिंग और एक्सप्लोरिंग...
पांडव फॉल – एक शांत झरना
पन्ना से 14 किमी और खजुराहो से 34 किमी की दूरी पर, पांडव फॉल मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित एक शांत झरना है। खजुराहो – पन्ना राजमार्ग पर स्थित, पांडव जलप्रपात पन्ना में दर्शनीय झरनों में से एक है और खजुराहो दर्शनीय स्थलों के शीर्ष स्थानों में से एक है। पांडव फॉल जलप्रपात मध्यप्रदेश में केन नदी की एक सहायक नदी द्वारा गिराया गया बारहमासी झरना है। गिरता हुआ झरना लगभग 30 मीटर की ऊंचाई से एक दिल के आकार के पूल में...
विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय द्वारा पर्यटक पुलिस पर राष्ट्रीय सम्मेलन
पर्यटकों के साथ पर्यटक पुलिस का संबंध मैत्रीपूर्ण होना चाहिए : लोकसभा अध्यक्ष नई दिल्ली. बुधवार को विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित पर्यटक पुलिस पर राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभागियों को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संबोधित किया। देश में पर्यटन के अनंत विकल्पों का उल्लेख करते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि भारत प्राकृतिक संसाधन, एतिहासिक स्थल, पुरातात्विक स्मारक, एवं धार्मिक स्थल से परिपूर्ण देश है, जो वैश्विक स्तर पर पर्यटन के लिए विख्यात हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, आज के समय में पर्यटन केवल यात्राओं तक ही...
राज्य योजना आयोग छत्तीसगढ़ द्वारा पर्यटन विकास विषय पर हुई बैठक
राज्य योजना आयोग छत्तीसगढ़ द्वारा पर्यटन विकास विषय पर हुई बैठक राज्य योजना आयोग छत्तीसगढ़ द्वारा पर्यटन विकास विषय पर आयोजित वर्किंग ग्रुप की बैठक हाल ही आयोजित हुई थी। इस बैठक में पर्यटन मंडल की ओर से प्रमिल वर्मा को संयोजक रूप में भाग लिया। बैठक में माननीय श्री गौरव द्विवेदी, सलाहकार, राज्य योजना आयोग, सुश्री अर्पिता चौधरी , शुभांग चंद्राकर, जसप्रीत भाटिया ,कीर्ति व्यास , पुनर्वसु वर्मा आदि उपस्थित थे। बैठक में हमारे राज्य के पर्यटन का विकास के विषय पर आयोग द्वारा उल्लेख महत्वपूर्ण विचारणीय बिंदुओं को समावेश...
नर्मदा नदी पर बरगी बांध
जबलपुर का बरगी डेम नर्मदा नदी पर बने 30 डेमों में एक महत्वपूर्ण डेम है। इस डेम का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह जबलपुर और आसपास के क्षेत्रों में जल आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत है। बरगी डाइवर्शन प्रोजेक्ट और रानी अवंतीबाई लोधी सागर प्रोजेक्ट इस डेम पर विकसित की गई दो महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है। समय के साथ-साथ बरगी डेम जबलपुर के एक महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित हुआ है। मध्यप्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में काफी पहल की है। सरकार ने यहां...
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य के उमरिया ज़िले में स्थित एक वन्य अभयारण्य है। यह वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था। इसका क्षेत्रफल 437 वर्ग किमी है। यहां बाघ आसानी से देखा जा सकता है। यह मध्यप्रदेश का एक ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जो 32 पहाड़ियों से घिरा है। बांधवगढ़ 448 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इस उद्यान में एक मुख्य पहाड़ है जो 'बांधवगढ़' कहलाता है। 811 मीटर ऊँचे इस पहाड़ के पास छोटी-छोटी पहाड़ियाँ हैं। पार्क में साल और बंबू के वृक्ष...
भेड़ाघाट
जबलपुर के भेड़ाघाट स्थित संगमरमरी चट्टान अन्य किसी भी पर्यटन स्थलों में सर्वाधिक घूमा जाने वाला जगह है। यह कहना गलत नहीं होगा कि जबलपुर और संगमरमरी चट्टान एक दूसरे के पर्यायवाची हो गए हैं। संगमरमरी चट्टान नर्मदा नदी के दोनों ओर करीब 100 फीट ऊंची है। भेड़ाघाट का वातावरण भी बेहद शांत रहता है। जब सूरज की रोशनी सफेद और मटमैले रंग के संगमरमर चट्टान पर पड़ती है, तो नदी में बनने वाला इसका प्रतिबिंब अद्भुत होता है। भेड़ाघाट और यहां की संगमरमर चट्टान की खूबसूतरी उस समय चरम...
घटारानी – जतमई मंदिर से 25 किलोमीटर दूर
जतमई मंदिर से 25 किलोमीटर दूर स्थित एक बड़ा झरना हैं। जतमई मंदिर में ज्यादा उत्साह और भक्ति के साथ नवरात्रि पर्व मनाया जाता है, यहाँ नवरात्रि की तरह विशेष उत्सव के मौकों पर एक सजावट देखतें बनता है। मानसून के बाद यह यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है। मंदिर के निकट सुंदर झरना बहती है, जो इस जगह को और अधिक आकर्षक बना देता है झरना इस गंतव्य को पूरे परिवार के लिए एक पसंदीदा पिकनिक स्पॉट बनाने पूर्ण प्रवाह में है। झरना मंदिर में प्रवेश करने से...