मन मोह लेगी बद्रीनाथ की प्राकृतिक सुंदरता…
मन मोह लेगी बद्रीनाथ की प्राकृतिक सुंदरता…जरूर करें घूमने का प्लान
बद्रीनाथ अथवा बद्रीनारायण मन्दिर भारतीय राज्य उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित है। यह भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है। चार धामों, में से एक यह एक प्राचीन मंदिर है। मन्दिर के नाम पर ही इसके इर्द-गिर्द बसे नगर को भी बद्रीनाथ ही कहा जाता है। अगर आप बद्रीनाथ की यात्रा करने का मन बना रहे हैं तो जरूर घूमने आएं, क्योंकि यहां की प्राकृतिक सुंदरता और खूबसूरती आपका मन मोह लेगी। इसके अलावा बद्रीनाथ के आसपास आपको कई और खूबसूरत जगह मिलेंगी।
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बद्रीनाथ मंदिर
भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर को शंकराचार्य ने स्थापित किया था. बद्रीनाथ जाने का सबसे बढिय़ा समय मई से लेकर जुलाई की शुरुआत तक का होता है. देहरादून से यहां के लिए हेलीकॉप्टर भी बुक किया जा सकता है. यहां नेचर के लुभावने नज़ारे और भगवान के दर्शन, दोनों ही करने को मिल जाते हैं.
चरण पादुका
करीब 3 किलोमीटर दूर नारायण पर्वत पर चरणपादुका है. मान्यता है कि यहां चट्टान पर भगवान विष्णु के पैरों के निशान बने हुए हैं.
नीलकंठ चोटी
उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल की एक प्रमुख चोटी के तौर पर जानी जाती है नीलकंठ चोटी. यहां का ट्रैक एकदम सीधा खड़ा हुआ है जो अचानक से बदलता है. इसलिए यहां बेहद सावधानी के साथ चलना होता है.
वसुधारा फॉल
करीब 9 किलोमीटर दूर माणा गांव में मौजूद है वसुधारा फॉल. 12,000 फ़ीट की ऊंचाई से गिरता पानी ऐसा लगता है जिसे शब्द नहीं दिए जा सकते.
व्यास गुफा
माणा गांव के पास में ही व्यास गुफ़ा मौजूद है. इसे बेहद पवित्र स्थल के तौर पर माना जाता है. मान्यता है कि ऋषि व्यास ने भगवान गणेश के साथ इसी जगह पर महाभारत की रचना की थी.
Kanger ghati