संगमरमर की चट्टानों से निकलता धुआंधार जलप्रपात
धुआंधार जलप्रपात जबलपुर ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का एक महत्मपूर्ण पर्यटन स्थल है। 10 मीटर की ऊंचाई से गिरने वाले इस प्रपात की छटा अनुपम है। इसकी उत्पत्ति नर्मदा नदी से होती है। यह सुरम्य प्रपात प्रसिद्ध संगमरमर की चट्टानों से निकलता है। यह प्रपात जब बड़ी धारा के साथ गिरती है तो पानी के गिरने की आवाज काफी दूर से सुनाई देती है। इस प्रपात के गिरने से उस स्थान पर कुहासा या धुंआ सा बन जाता है। इसलिए इसे धुआंधार जलप्रपात कहा जाता है। सुंदरता के लिहाज...
ऋषिकेश – खूबसूरत जगह
अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो यह जगह आपके लिए बेस्ट साबित हो सकती है। क्योंकि आप यहां राफ्टिंग, कैंपिंग और बंजी जंपिंग जैसे एडवेंचर्स चीजों का लुफ्त उठा सकते हैं। इसके अलावा ऋषिकेश में आप अन्य खूबसूरत जगह भी देख सकते हैं। ऋषिकेश में आपको कई वॉटरफॉल भी देखने को मिलेंगे। इसमें गुरुडचट्टी वॉटरफॉल, नीर गढ़ वॉटरफॉल, हिमशैल वॉटरफॉल, पटना वॉटरफॉल मुख्य हैं।ऋषिकेश के अन्य आकर्षण लक्ष्मण झूलागंगा नदी के एक किनार को दूसर किनार से जोड़ता यह झूला नगर की विशिष्ट की पहचान है। इसे विकतमसंवत 1996 में...
सिरपुर – ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्ता
अंतराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर सिरपुर अपनी ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्ता के कारण आकर्षण का केंद्र हैं। यह पांचवी से आठवीं शताब्दी के मध्य दक्षिण कोसल की राजधानी थी। यह स्थल पवित्र महानदी के किनारे पर बसा हुआ हैं। सिरपुर में सांस्कृतिक एंव वास्तुकौशल की कला का अनुपम संग्रह हैं। पुरातन काल (सोमवंशी राजाओ का काल) में सिरपुर को `श्रीपुर` के नाम से जाना जाता था तथा यह दक्षिण कोसल की राजधानी थी भारतीय इतिहास में अपने धार्मिक मान्यताओ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के कारण आकर्षण का केन्द्र था। इस स्थान पर...
विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा में जुड़ेगा नया रस्म
बस्तर दशहरा में अब आगामी वर्ष से एक नया रस्म जुड़ेगा। बस्तर दशहरा में चलने वाले रथ के निर्माण के लिए लगने वाली लकडिय़ों की क्षतिपूर्ति के लिए अब हर वर्ष साल और बीजा के पौधे लगाने का कार्य करने के साथ ही इसे बस्तर दशहरा के अनिवार्य रस्म में जोड़ा जाएगा। यह घोषणा सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज ने मारकेल में बस्तर दशहरा रथ निर्माण क्षतिपूर्ति पौधरोपण कार्यक्रम की। इस अवसर पर सांसद श्री दीपक बैज ने कहा कि बस्तर दशहरा सामाजिक समरसता के साथ...
भारत के मशहूर चिडिय़ाघर…बच्चों के साथ घूमे
वीएंड पर अक्सर आपको कहीं घूमने जाने का मन तो करता ही होगा, और बच्चे तो गार्डन या चिडिय़ाघर जाने की जिद करते ही होंगे। बच्चों के लिए चिडिय़ाघर उनकी पसंदीदा जगह होती है, जहां उन्हें हर तरह के जानवर देखने को मिलते हैं, जो अक्सर वे किताबों पर फोटो के रूप में देखते हैं। इसलिए हम आपको आज बताने जा रहे हैं, भारत के ऐसे मशहूर चिडिय़ाघर के बारे में, जिनके बारे में शायद आप भी जानते ही होंगे। इंदिरा गांधी जूलॉजिकल पार्कविशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश का इंदिरा गांधी जूलॉजिकल पार्क...
कसौली – हिमाचल का पहाड़ी इलाका
कसौली, हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में है। पहाड़ी इलाके, हिमालय के खूबसूरत नजारे, माल रोड और भारतीय शैली की वास्तुकला का मिश्रण कसौली को पोस्टकार्ड जैसा लुक देते हैं। यहाँ घूमने के लिए मंकी पॉइंट, बैपटिस्ट चर्च और गुरुद्वारा श्री बालक नाथ मंदिर जैसी जगह को एक्सप्लोर कर सकते हैं। कसौली कैसे पहुंचे ?...
सीढ़ीनुमा प्राकृतिक संरचनाओं से निर्मित – तीरथगढ जलप्रपात
जगदलपुर से 35 किलामीटर की दूरी पर स्थित यह मनमोहक जलप्रपात पर्यटकों का मन मोह लेता है। पर्यटक इसकी मोहक छटा में इतने खो जाते हैं कि यहाँ से वापिस जाने का मन ही नहीं करता। मुनगाबहार नदी पर स्थित यह जलप्रपात चन्द्राकार रूप से बनी पहाड़ी से 300 फिट नीचे सीढ़ी नुमा प्राकृतिक संरचनाओं पर गिरता है, पानी के गिरने से बना दूधिया झाग एवं पानी की बूंदों का प्राकृतिक फव्वारा पर्यटकों को मन्द-मन्द भिगो देता है। करोड़ो वर्ष पहले किसी भूकंप से बने चन्द्र-भ्रंस से नदी के डाउन...
छत्तीसगढ़ का “प्रयाग” : राजिम
गरियाबंद के उत्तर-पूर्व में महानदी के दाहिने किनारे पर स्थित है, जहाँ इसकी पैरी ओर सोंढ़ूर नामक सहायक नदियाँ इससे मिलती है। यह जिला मुख्यालयों से सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है और सड़क पर नियमित बसे चलती है। यह जिला मुख्यालय रायपुर से दक्षिण-पूर्व में 45 किलोमीटर दूर है। एक रेललाईन रायपुर-धमतरी छोटी लाईन अभनपुर से निकलती है और महानदी के बाये किनारे पर राजिम के ठीक दूसरी ओर स्थित नवापारा को जोड़ती है। राजिम के पास नदी पर एक ऊँचा पुल बन जाने से बारहमासी सड़क सम्पर्क स्थापित हो...
नए स्वरूप में बारनवापारा अभ्यारण्य
रायपुर । छत्तीसगढ़ का सबसे उत्कृष्ट तथा आकर्षक अभ्यारण्य बारनवापारा का नया स्वरूप में कायाकल्प हुआ है। यह कायाकल्प वन्यप्राणी रहवास उन्नयन कार्य के अंतर्गत कैम्पा (छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण) के वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 में स्वीकृत राशि से किया गया है। इसके तहत 5 हजार 920 हेक्टेयर रकबा में सघन लेन्टाना उन्मूलन तथा यूपोटोरियम उन्मूलन का कार्य हुआ है। जिसमें से बारनवापारा अभ्यारण्य के 19 कक्षों में कुल 950 हेक्टेयर रकबा में लेन्टाना उन्मूलन का कार्य और 32 कक्षों में कुल 4 हजार 970 हेक्टेयर रकबा...
माडमसिल्ली – एशिया का पहला सायफल सिस्टम वाला बांध
माडमसिल्ली पर्यटन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ राज्य में कई ऐसे जगह हैं, जो आज पिकनिट स्पॉट के तौर पर मशहूर हैं। बस्तर से लेकर अंबिकापुर तक यहां कई मशहूर जलप्रपात हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर अनायास की आकर्षित करते हैं।इसमें बस्तर के तीरथगढ़ और चित्रकोट जलप्रपात के बारे में तो सभी परिचित हैं ही। इसके अलावा कई और जलप्रपात और बांध हैं, जिसके बारे में हम आपको समय-समय पर जानकारी देते आते हैं।तो चलिए आज हम आपको बता रहे हैं, एक ऐसे बांध के बारे में, जिसे एशिया का...