/ Posts tagged "Travel & Tourism" (Page 66)
pushkar-fair-15
3 Nov

दुनियाभर में मशहूर राजस्थान का पुष्कर मेला शुरू, 8 नवंबर तक आयोजित होगा

राजस्थान का पुष्कर मेला 1 नवंबर से पुष्कर मेले का आगाज हो गया है। राजस्थान का पुष्कर मेला खूब फेमस है। इस मेले को दुनिया का सबसे बड़ा ऊंट फेस्टिवल भी कहा जाता है। इस मेले को देखने के लिए देश के कोने-कोने से ट्यूरिस्ट पहुंचते हैं। यहां आपको विदेशी सैलानियों की भीड़ भी दिखेगी। मेला पुष्कर में लगता है, जो अजमेर जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर है।पुष्कर मेला राजस्थान का सबसे मशहूर फेस्टिवल है। रेत में सजे-धजे ऊंटों को करतब करते हुए देखने का एक्सपीरियंस ही अलग है।...

गोलिया का नर्तक दल
31 Oct

मंगोलिया का नर्तक दल पहुंचा राजधानी

मंगोलिया का नर्तक दल आज राजधानी रायपुर पहुंच गया है। यह दल स्थानीय साइंस कॉलेज मैदान में 01 से 03 नवंबर तक चलने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में अपनी नृत्य शैली की छटा बिखेरेगा।टीम लीडर श्री एंखबोल्ड टुमूरबातर ने बताया कि हम अपनी कला और संस्कृति से छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ ही भारत के विभिन्न राज्यों एवं अन्य विदेशी मेहमानों के दिल में जरूर स्थान बनाने में सफल होंगे। इस महोत्सव में मंगोलिया के सांस्कृतिक प्रतिनिधि के रूप में भाग लेना हम सब के लिए गौरव की बात...

cg-300
31 Oct

टोंगो और मोजांबिक के नर्तक दल राजधानी रायपुर पहुंचे

टोंगो और मोजांबिक के नर्तक दलराष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देंगे प्रस्तुति   अफ्रीका के टोंगो और मोजांबिक से नर्तक दल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने आज राजधानी रायपुर पहुंचे। विभागीय अधिकारी कर्मचारियों द्वारा माना विमानतल पर उनका आत्मीय स्वागत किया गया। नर्तक दलों में गजब का उत्साह देखने को मिल। उन्होंने ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ नारे का पूरे जोश के साथ उद्घोष किया। उल्लेखनीय है कि टोंगो से आए नृतक दल में कुल 10 सदस्य शामिल हैं, जिसमें 6 पुरुष और 4 महिला हैं। टीम लीडर श्री अजवोन बोचोउ अटा...

29 Oct

अनंत व असीम है छत्तीसगढ़ की नृत्य परंपरा

1 से 3 नवंबर तक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में होगा जनजातीय नृत्यों का प्रदर्शन- मनोज सिंह, सहायक संचालक अनंत व असीम है छत्तीसगढ़ की नृत्य परंपरा छत्तीसगढ़ी लोककला में लोकनृत्य संपूर्ण प्रमुख छत्तीसगढ़ के जनजीवन की सुन्दर झांकी है। राग-द्वेष, तनाव, पीड़ा से सैकड़ों कोस दूर आम जीवन की स्वच्छंदता व उत्फुल्लता के प्रतीक लोकनृत्य यहां की माटी के अलंकार है। छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य सुआ, करमा, पंथी राउत नाचा, चंदैनी, गेड़ी, नृत्य, परब नृत्य, दोरला, मंदिरी नृत्य, हुलकी पाटा, ककसार, सरहुल शैला गौरवपाटा, गौरव, परथौनी, दशहरा आदि हैं। छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य...

okareshwar2
28 Oct

ओंकारेश्‍वर मांधाता

ओंकारेश्‍वर मांधाता नर्मदा नदी के मध्‍य द्वीप पर स्थित है। दक्षिणी तट पर ममलेश्‍वर (प्राचीन नाम अमरेश्‍वर) मंदिर स्‍थित है । ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ ही ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है। इन दोनों शिवलिंगों को एक ही ज्योतिर्लिंग माना जाता है। खंडवा से 75 कि.मी. इंदौर-खंडवा हाईवे पर । यह हिंदुओं का एक पवित्र स्थान है। ओंकार ममलेश्वर  12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और जैन संप्रदाय के सिद्धवरकूट इस स्थान पर स्थित हैं। दोनों संप्रदायों और विदेशियों के लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं।  अद्वैत के प्रणेता  आदिगुरु शंकराचार्य...

28 Oct

शिमला के आसपास घूमने की 7 जगह

शिमला के आसपास घूमने की 7 जगह कियारीघाटीकियारीघाटी हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा हिल स्टेशन जो भीड़भाड़ से काफी दूर है। शांति से समय बिताने के लिए कियारीघाट अच्छी जगह है। नारकंडाचारों और सुंदर नजारों देखने के लिए आप नारकंडा जा सकते हैं। ये हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा शहर है, जहां साल भर बहुत सारे पर्यटक पहुंचते है। शिमला के आसपास घूमने की 7 जगह कोटि-कानासरकोटि-कानासर एक बेहतरीन प्लेस है जो पिकनिक या हनीमून के लिए अच्छी...

shri mahakaleshwar
27 Oct

बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर

उज्जयिनी के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की महिमा का विभिन्न पुराणों में विशद वर्णन किया गया है। कालिदास से शुरू करते हुए, कई संस्कृत कवियों ने इस मंदिर को भावनात्मक रूप से समृद्ध किया है। उज्जैन भारतीय समय की गणना के लिए केंद्रीय बिंदु हुआ करता था और महाकाल को उज्जैन का विशिष्ट पीठासीन देवता माना जाता था। समय के देवता, शिव अपने सभी वैभव में, उज्जैन में शाश्वत शासन करते हैं। महाकालेश्वर का मंदिर, इसका शिखर आसमान में चढ़ता...

longva
27 Oct

भारत देश का आखिरी गांव

भारत देश का आखिरी गांव लोंगवा गांव का एक हिस्सा भारत में है तो दूसरा दूसरे देश में. यह भारत देश का आखिरी गांव के नाम से भी जाना जाता है.लोंगवा गांव भारत के नागालैंड और म्यांमार की सीमा पर स्थित है. मतलब यह गांव दो देशों के अलग अलग हिस्सों में आधा अधा बटा हुआ है. यह गांव नागालैंड के मोन जिले में बसा हुआ है. जो देश के आखिरी गांव के नाम से भी जाना जाता है. आइए आपको इस गांव के एक नहीं बल्कि कई रोचक तथ्यों से रूबरू...

27 Oct

बजट फ्रैंडली बेस्ट फॉरेन डेस्टिनेशन

बजट फ्रैंडली बेस्ट फॉरेन डेस्टिनेशन 1. बजट फ्रैंडली बेस्ट फॉरेन डेस्टिनेशन - मालदीव मालदीव के बीच बेहद खूबसूरत माने जाते हैं. बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ अक्सर यहां अपने सुकून के पल बिताना चाहते हैं. भारत के लोगों के लिए मालदीव में वीजा ऑन अराइवल भी मिल जाता है. करीब 60,000 से 80,000 रुपये में मालदीव घूमा जा सकता है. फ्लाइट से यहां पहुंचने में करीब 4 घंटे लग जाते हैं.  2. थाईलैंडभारत के लोगों में घूमने के सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है थाईलैंड. थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भारत के लोग सालभर घूमते...

Daldali
21 Oct

गौधारा (दलदली) – एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल

महासमुन्द से लगभग 10 किमी पूर्व की ओर एक दर्शनीय स्थल गौधारा दलदली स्थित है। मानव जाति के अद्भुत इतिहास के एक अंश के रूप में छत्तीसगढ़ के दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित गौधरा दलदली एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह एक खूबसूरत गुफा है जो लगभग 2000 वर्ष पुरानी है। इस गुफा में गहरी विविधताओं वाले दो खड़ग लगभग आधा मीटर समेत अनेक वस्तुएं बरामद की गई हैं। गौधारा (दलदली) गुफा के अलावा, यहां कई आकर्षक स्थान हैं जो पर्यटकों को खींचते हैं। यहां आप चरमोत्कर्ष, वन ट्रैकिंग और एक्सप्लोरिंग...