चक्रधर समारोह : 3 साल बाद हो रहा आयोजित
आगामी 19 सितंबर 2023 से आरंभ हो रहे तीन दिवसीय चक्रधर समारोह की तैयारी पूरी हो गई है। इस बार आयोजन में स्थानीय कलाकारों की चमक बिखरेगी। खैरागढ़ विवि की टीम विशेष प्रस्तुति देगी। बता दें कि वर्ष 2020 के बाद तीन सालों तक चक्रधर समारोह का आयोजन रुक गया था। इस साल पुन: उसी गरिमा के साथ समारोह का आयोजन नगर निगम ऑडिटोरियम में होने वाला है। कलाकारों को लेकर निर्णय लेने के लिए कई बार बैठकें हुई हैं।
तीन दिवसीय होगा कार्यक्रम
चक्रधर समारोह में शामिल होंगे स्थानीय कलाकार
इस बार आयोजन 19 सितंबर से 21 सितंबर तक होने वाला है। इसके लिए कलाकार चयन का काम तकरीबन फाइनल हो चुका है। बता दें कि इस बार राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के शीर्षस्थ कलाकारों ने प्रस्तुति दी है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए यहां के आयोजनों में लोकल कलाकारों को ही मौका देने का निर्णय लिया गया है। क्लासिकल और पॉपुलर दोनों तरह के संगीत के कार्यक्रम होंगे।
माउस डियर – कांगेर घाटी में दिखा अब सबसे छोटे कद का हिरण…
छत्तीसगढ़ में बस्तर स्थित विख्यात कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में अब दुर्लभ प्रजाति ‘माउस डियर’ की तस्वीर कैमरा ट्रेप में कैद हुई है। हाल ही में वहां राष्ट्रीय उद्यान में संकटापन्न जंगली भेडिय़ों की वापसी के साथ-साथ इससे लगे गांवों तक छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी ‘पहाड़ी मैना’ की भी मीठी बोली गूंजने लगी है। यह वन विभाग की पहल से वन्यजीवों के सुरक्षित रहवास के लिए हो रहे कार्यों के सकारात्मक परिणाम को दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि भारत में पाए जाने वाले हिरणों की 12 प्रजातियों में से माउस डियर विश्व में सबसे छोटे हिरण समूह की प्रजाति में से एक है।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन द्वारा लगातार वन्यजीवो के संरक्षण की दिशा में कार्य करने से दुर्लभ प्रजातियों का रहवास सुरक्षित हुआ है। निदेशक, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान श्री धम्मशील गणवीर ने बताया कि हाल ही में राष्ट्रीय उद्यान में दुर्लभ प्रजाति माउस डियर की तस्वीर कैमरा ट्रेप में कैद हुई है।
माउस डियर – कांगर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में दिखा अब सबसे छोटे कद का हिरण…
भारतीय माउस डियर रहवास विशेष रूप से घने झाडिय़ों वालो नमी वाले जंगलों में होता है। माउस डियर में चूहे-सुअर और हिरण के रूप और आकार का मिश्रण दिखाई देता है और बिना सींग वाले हिरण का एकमात्र समूह है। इनके शर्मीले व्यवहार और रात्रिकालीन गतिविधि के कारण इनमें विशेष रिसर्च नही हुआ है। मुख्य रूप से दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती वनों में माउस डियर की उपस्थिति दर्ज हुई है। वनों में लगने वाली आग, बढ़ते हुए अतिक्रमण और शिकार के दबाव से आबादी को शायद गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में इन प्रजातियों को बचाने के प्रयास की आवश्यकता है।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में ऐसे वन्यजीव के लिए उपयुक्त रहवास होने से और राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन द्वारा वन्य जीवों के संरक्षण हेतु लगातार चलाए जा रहे जागरूकता अभियान और स्थानीय लोगों की सहभागिता से इस जैसे दुर्लभ प्रजातियों की वापसी देखे जाने से राज्य शासन की वन्यजीव संरक्षण का उद्देश्य साकार हो रहा है। इससे पर्यटक आकर्षित होंगे तथा राष्ट्रीय उद्यान में सैलानियों की संख्या और अधिक बढ़ेगी।
वाटर मेट्रो : प्रधानमंत्री ने किया शिलान्यास…
पटरी पर नहीं अब पानी पर मेट्रो… प्रधानमंत्री ने देश की पहली वाटर मेट्रो का किया शिलान्यास…जानें इसकी खासियत
प्रधानमंत्री ने तिरुवनंतपुरम में डिजिटल साइंस पार्क की आधारशिला रखी और कोच्चि वाटर मेट्रो एवं विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम रेलवे स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री केरल बहुत ही जागरूक, समझदार और शिक्षित लोगों का प्रदेश है। यहां के लोगों का सामर्थ्य, विनम्रता, परिश्रम उनकी एक विशिष्ट पहचान बनाता है। आप सभी देश-विदेश की परिस्थितियों से भी भली भांति परिचित रहते हैं। हमारी सरकार सहकारी संघवाद पर बल देती है, राज्यों के विकास को देश के विकास का सूत्र मानती है। केरल का विकास होगा तो भारत का विकास और तेज होगा। हम इस सेवा भावना के साथ काम कर रहे हैं।
मोदी ने कहा अभी तक जितनी भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चली हैं उनकी एक विशेषता यह भी है कि वो हमारे सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यटन स्थलों को भी जोड़ रही है। केरल की पहली वंदे भारत ट्रेन भी नॉर्थ केरल को साउथ केरल से जोड़ेगी।
पटरी पर नहीं अब पानी पर मेट्रो
इस मेट्रो के पहले चरण के तहत यह व्यित्तला-कक्कनाडा के बीच चलेगी।
कोच्चि और पास के 10 द्वीपों को जोड़ेगी।
हर 15 मिनट पर मिलेगी मेट्रो। कुल 78 इलेक्ट्रिक नौकाएं शामिल हैं।
पहले चरण में 23 नौका और 14 टर्मिनल
सोलर पैनल, बैटरी से चलेगी वाटर मेट्रो
प्रोजेक्ट पर 1,137 करोड़ की लागत
किफ़ायती यात्रा और समय की बचत
हाइकोर्ट-वाइपिन रूट: सिंगल जर्नी टिकट 20 रुपये का
व्यित्तला-कक्कनाडा रूट: सिंगल जर्नी टिकट 30 रुपये का
साप्ताहिक, मासिक, तीन महीने का पास भी उपलब्ध
कोच्चि वन ऐप के जरिए मोबाइल क्यूआर टिकट बुकिंग की सुविधा