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पाली - कलात्मक मंदिरों का शहर -
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 / India  / पाली – कलात्मक मंदिरों का शहर
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15 Nov

पाली – कलात्मक मंदिरों का शहर

आठ जि़लों से सीमा साझा करने वाला पाली का उद्भव, भूतपूर्व जोधपुर स्टेट, राजस्थान से हुआ था। सुन्दर जैन मंदिरों और अलौकिक अरावली की पहाडिय़ों के बीच, रणकपुर एक सुरम्य स्थल है। आइए, पाली के प्रमुख आकर्षण और दर्शनीय स्थलों का अवलोकन करें।

पाली


रणकपुर जैन मंदिर
प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच, घाटियों से घिरा यह भव्य मंदिर, जैन समुदाय के लिए बड़ा तीर्थस्थल है। हीरे जैसे चमकते और तराशे गए यह मंदिर अलौकिक, अद्भुत और अद्वितीय हैं। एक जैन व्यापारी के पास दिव्य दृष्टि होने की मान्यता के बाद 15वीं शताब्दी में निर्मित, रणकपुर जैन मंदिर आदिनाथ को समर्पित है, जिन्हें जैन आध्यात्म विज्ञान में महत्वपूर्ण व्यक्तित्व माना जाता है।

जवाई बांध
लूणी नदी की उपनदी के पार निर्मित, जवाई बांध का निर्माण जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह ने करवाया था। यह पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध माना जाता है।


परशुराम महादेव मंदिर
एक गुफा में स्थित भगवान शिव को समर्पित परशुराम महादेव मंदिर के बारे में एक रोचक कथा प्रचलित है। मान्यता है कि भगवान विष्णु के अवतार परशुराम ने कुल्हाड़ी से गुफा बनाकर यहां भगवान शिव की पूजा की।


निंबोका नाथ मन्दिर
फालना और सांडेराव मार्ग पर भगवान शिव को समर्पित निंबोका नाथ मंदिर स्थित है। पौराणिक कथा के अनुसार पांडवों की मां कुंती भगवान शिव की पूजा करती थी और अपने निर्वासनकाल में अधिकांश समय उन्होंने महादेव की पूजा करते हुए बिताया था। पांडवों ने इस क्षेत्र में नवदुर्गा का निर्माण किया था। असीम शांति युक्त इस मंदिर में वर्ष भर पर्यटकों का तांता लगा रहता है। वर्ष पर्यन्त इस मंदिर में विभिन्न मेलों के आयोजन सम्पन्न होते हैं, जो लाखों श्रृद्धालुओं के साक्षी बनते हैं।


रणकपुर बाँध / सेतु ( डैम )


रणकपुर डैम या बाँध पर्यटकों के लिए एक प्रसिद्ध गन्तव्य स्थल है, जहाँ आकर आप अपने कुछ फुर्सत के आरामदायक क्षण बिता सकते हैं। यह डैम एक शांतिपूर्ण, सुकून भरे गाँव में स्थित है जो कि रणकपुर कहलाता है और यह राजस्थान के पाली जि़ले में पड़ता है।


समंद झील ( सरदार समंद )


समंद झील जो कि सरदार समंद झील भी कहलाती है। जोधपुर से दक्षिण पूर्व की ओर लगभग 60 कि. मी. की दूरी पर, जोधपुर – पाली रूट से थोड़ा हट कर स्थित है। सन् 1933 में महाराजा उमेद सिंह द्वारा विकसित की गई यह झील, सरदार समंद लेक पैलेस ( महल ) के पास में ही स्थित है। इस झील की प्राकृतिक सुन्दरता को देखते हुए, इसे पक्षी पक्षियों का स्वर्ग कहलाने का श्रेय प्राप्त है। इस झील की ओर, स्थानीय के साथ साथ प्रवासी पक्षी भी आकर्षित होते हैं, जिन्हें यहाँ इक_ा होते देखकर बड़ा लुभावना दृश्य प्रतीत होता है।


सूर्य मन्दिर


रणकपुर में स्थित सूर्य मंदिर एक बहुत प्रसिद्ध सूर्य मंदिर है, जो कि सूर्य नारायण मंदिर कहलाता है। पहली बार 13 वीं शताब्दी में बना यह मंदिर, पन्द्रहवीं शताब्दी मे पुनर्निर्मित करवाया गया था। इसका निर्माण नागारा स्टाइल में शोभायमान, सफेद चूना पत्थर से जटिल विस्तृत कला में करवाया गया है। इस मंदिर की सुसम्पन्न दीवारें इसे शानदार और विशाल रूप में स्थापत्य कला का बेमिसाल नमूना बनाती हैं। इस पवित्र स्थान में यह मंदिर पूर्व की ओर मुख किए हुए है तथा चिखारा के साथ ताज पहनाया हुआ है। मंदिर से पहले एक अष्टकोणीय मण्डप भी बना हुआ है।


ओम बन्ना धाम


जोधपुर शहर से लगभग 40 कि. मी. की दूरी पर स्थित एक पवित्र स्थान / समाधि है। ओम बन्ना जिन्हें ”बुलेट बाबा के नाम से भी जाना जाता है। उनके विषय में कहते हैं कि उनके पास एक 350 सीसी की रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटर साईकिल थी। परन्तु इसी स्थान पर जहां पर समाधि बनी हुई है, एक एक्सीडेन्ट में उनका देहांत हो गया था। यह सन् 1988 की बात है। जब यह प्राणहर दुर्घटना घटित हुई तो पुलिस ने मोटर साईकिल अपने कब्जे में ले कर उसे पुलिस स्टेशन के अंदर पार्क कर दिया। लेकिन अगली सुबह कुछ असामान्य घटना घटित हुई। वह मोटर साईकिल फिर से उसी जगह मिली, जहाँ पर एक्सीडेन्ट हुआ था। पुलिस ने सोचा कि यह किसी की शरारत है और उन्होंने उस बाइक को दोबारा पुलिस स्टेशन में ले जाकर रख दिया। बार बार इस तरह की आसामान्य घटनाओं का क्रम देखने के बाद यहाँ के लोग विश्वास करने पर मजबूर हो गए कि यह सब ओम बन्ना की जादुई शक्तियों के कारण हो रहा है। आज आप उस मोटर साईकिल को यहाँ पर एक काँच के केस में रखी हुई देख सकते हैं और लोगों की भीड़ यहाँ पर पूजा करने के लिए आती रहती है।


पाली कैसे पहुंचें


पाली से निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा है, जो लगभग 77 किमी दूर है।
राजस्थान के अन्य जि़लों से पाली सड़क मार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग 14 से जुड़ा हुआ है।
ब्यावर और जोधपुर से पाली तक नियमित रेलगाडिय़ां हैं।