कैलाश गुफा – बहुत खूबसूरत गुफा
कैलाश गुफा कैलाश गुफा को राट गुफा के नाम से भी जाना जाता है । यह जशपुर जिला के अंतर्गत तहसील मुख्यालय से लगभग 27 कि.मी. की दुरी पर स्थित है। सामरबार संस्कृत महाविद्यालय के पास स्थित कैलाश गुफा बहुत खूबसूरत है। यह महाविद्यालय देश का दूसरा संस्कृत महाविद्यालय है और जंगलों में स्थित है। कैलाश गुफा का निर्माण पहाडिय़ों को काटकर बडी ही खूबसूरती के साथ किया गया है। गुफा के पास मीठे पानी की जलधारा है जहां पर पर्यटक अपनी प्यास बुझा सकते हैं। पर्यटकों में यह गुफा बहुत...
जशपुर के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने विदेशी पर्यटक पहुंचे
प्राकृतिक सौंदर्य को देखने अब विदेशी पर्यटक भी पहुंचने लगे जशपुर जिले के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए अब विदेशी पर्यटक भी पहुंचने लगे है यहां की सुंदर वादियां हरे भरे पेड़ पौधे दूरस्थ अंचल में बसे विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवारों और बिरहोर परिवार आदिवासी जीवन शैली रहन सहन लोक संस्कृति को नजदीक से जानने की इच्छा सहज ही पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। स्वीटजरलैंड के जोयल राबिन ने जशपुर का पारंपरिक व्यंजन धुसका और चिला का स्वाद चखा पत्थलगांव विकास खंड ग्राम खजरीढाब के रहने वाले युवा और...
जैव विविधता का अनोखा खजाना, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में होगा पक्षी सर्वेक्षण
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान...
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का नाम कांगेर नदी से निकला है, जो इसकी लंबाई में बहती है। कांगेर घाटी लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैला है |कांगेर घाटी ने 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान की स्थिति प्राप्त की। ऊँचे पहाड़ , गहरी घाटियाँ, विशाल पेड़ और मौसमी जंगली फूलों एवं वन्यजीवन की विभिन्न प्रजातियों के लिए यह अनुकूल जगह है । कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक मिश्रित नम पर्णपाती प्रकार के वनों का एक विशिष्ट मिश्रण है जिसमे साल ,सागौन , टीक और बांस के पेड़ बहुताइत...