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Chhattisgarh - Page 18 of 20 - Trips N Trippers
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Trips N Trippers / India  / Chhattisgarh (Page 18)
Jashpur
9 Nov

जशपुर के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने विदेशी पर्यटक पहुंचे

प्राकृतिक सौंदर्य को देखने अब विदेशी पर्यटक भी पहुंचने लगे  जशपुर जिले के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए अब विदेशी पर्यटक भी पहुंचने लगे है यहां की सुंदर वादियां हरे भरे पेड़ पौधे दूरस्थ अंचल में बसे विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवारों और बिरहोर परिवार आदिवासी जीवन शैली रहन सहन लोक संस्कृति को नजदीक से जानने की इच्छा सहज ही पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। स्वीटजरलैंड के जोयल राबिन ने जशपुर का पारंपरिक व्यंजन धुसका और चिला का स्वाद चखा पत्थलगांव विकास खंड ग्राम खजरीढाब के रहने वाले युवा और...

keshkal ghati
7 Nov

केशकाल घाटी की सड़क मरम्मत का कार्य जारी

केशकाल घाटी रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश के परिपालन में बस्तर अंचल से लेकर सरगुजा अंचल तक की सड़कों के रख-रखाव एवं मरम्मत का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। बस्तर अंचल के प्रवेश द्वार के नाम से प्रसिद्ध केशकाल घाटी की सड़क के मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। सड़क निर्माण कार्य निर्वाध रूप से जारी रहे, इसकों ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा फिलहाल भारी वाहन के आवागमन को रोका गया है। कोण्डागांव कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने आज केशकाल...

kotumbsar
7 Nov

कोटमसर गुफा

कोटमसर गुफा कोटमसर गुफा को शुरू में गोपांसर गुफा (गोपन = छुपा) नाम दिया गया था, लेकिन वर्तमान नाम कोटसर अधिक लोकप्रिय हो गया क्योंकि गुफा ‘कोटसर’ नामक गांव के पास स्थित है। कोटसर गुफा भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ में जगदलपुर के पास स्थित है। कोटमसर गुफा पर्यावरणीय पर्यटनमें रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। यह कोलेब नदी की एक सहायक नदी केगर नदी के किनारे स्थित केंजर चूना पत्थर बेल्ट पर गठित एक चूना पत्थर गुफा है। प्रवेश निर्देशांक 18052’0 9 “एन हैं 81056’05 “ई (डब्लूजीएस...

kanger
7 Nov

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का नाम कांगेर नदी से निकला है, जो इसकी लंबाई में बहती है। कांगेर घाटी लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैला है |कांगेर घाटी ने 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान की स्थिति प्राप्त की। ऊँचे पहाड़ , गहरी घाटियाँ, विशाल पेड़ और मौसमी जंगली फूलों एवं वन्यजीवन की विभिन्न प्रजातियों के लिए यह अनुकूल जगह है । कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक मिश्रित नम पर्णपाती प्रकार के वनों का एक विशिष्ट मिश्रण है जिसमे साल ,सागौन , टीक और बांस के पेड़ बहुताइत...

गोलिया का नर्तक दल
31 Oct

मंगोलिया का नर्तक दल पहुंचा राजधानी

मंगोलिया का नर्तक दल आज राजधानी रायपुर पहुंच गया है। यह दल स्थानीय साइंस कॉलेज मैदान में 01 से 03 नवंबर तक चलने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में अपनी नृत्य शैली की छटा बिखेरेगा।टीम लीडर श्री एंखबोल्ड टुमूरबातर ने बताया कि हम अपनी कला और संस्कृति से छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ ही भारत के विभिन्न राज्यों एवं अन्य विदेशी मेहमानों के दिल में जरूर स्थान बनाने में सफल होंगे। इस महोत्सव में मंगोलिया के सांस्कृतिक प्रतिनिधि के रूप में भाग लेना हम सब के लिए गौरव की बात...

cg-300
31 Oct

टोंगो और मोजांबिक के नर्तक दल राजधानी रायपुर पहुंचे

टोंगो और मोजांबिक के नर्तक दलराष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देंगे प्रस्तुति   अफ्रीका के टोंगो और मोजांबिक से नर्तक दल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने आज राजधानी रायपुर पहुंचे। विभागीय अधिकारी कर्मचारियों द्वारा माना विमानतल पर उनका आत्मीय स्वागत किया गया। नर्तक दलों में गजब का उत्साह देखने को मिल। उन्होंने ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ नारे का पूरे जोश के साथ उद्घोष किया। उल्लेखनीय है कि टोंगो से आए नृतक दल में कुल 10 सदस्य शामिल हैं, जिसमें 6 पुरुष और 4 महिला हैं। टीम लीडर श्री अजवोन बोचोउ अटा...

29 Oct

अनंत व असीम है छत्तीसगढ़ की नृत्य परंपरा

1 से 3 नवंबर तक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में होगा जनजातीय नृत्यों का प्रदर्शन- मनोज सिंह, सहायक संचालक अनंत व असीम है छत्तीसगढ़ की नृत्य परंपरा छत्तीसगढ़ी लोककला में लोकनृत्य संपूर्ण प्रमुख छत्तीसगढ़ के जनजीवन की सुन्दर झांकी है। राग-द्वेष, तनाव, पीड़ा से सैकड़ों कोस दूर आम जीवन की स्वच्छंदता व उत्फुल्लता के प्रतीक लोकनृत्य यहां की माटी के अलंकार है। छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य सुआ, करमा, पंथी राउत नाचा, चंदैनी, गेड़ी, नृत्य, परब नृत्य, दोरला, मंदिरी नृत्य, हुलकी पाटा, ककसार, सरहुल शैला गौरवपाटा, गौरव, परथौनी, दशहरा आदि हैं। छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य...

Daldali
21 Oct

गौधारा (दलदली) – एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल

महासमुन्द से लगभग 10 किमी पूर्व की ओर एक दर्शनीय स्थल गौधारा दलदली स्थित है। मानव जाति के अद्भुत इतिहास के एक अंश के रूप में छत्तीसगढ़ के दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित गौधरा दलदली एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह एक खूबसूरत गुफा है जो लगभग 2000 वर्ष पुरानी है। इस गुफा में गहरी विविधताओं वाले दो खड़ग लगभग आधा मीटर समेत अनेक वस्तुएं बरामद की गई हैं। गौधारा (दलदली) गुफा के अलावा, यहां कई आकर्षक स्थान हैं जो पर्यटकों को खींचते हैं। यहां आप चरमोत्कर्ष, वन ट्रैकिंग और एक्सप्लोरिंग...

Pramil Verma
19 Oct

राज्य योजना आयोग छत्तीसगढ़ द्वारा पर्यटन विकास विषय पर हुई बैठक

राज्य योजना आयोग छत्तीसगढ़ द्वारा पर्यटन विकास विषय पर हुई बैठक राज्य योजना आयोग छत्तीसगढ़ द्वारा पर्यटन विकास विषय पर आयोजित वर्किंग ग्रुप की बैठक हाल ही आयोजित हुई थी। इस बैठक में पर्यटन मंडल की ओर से प्रमिल वर्मा को संयोजक रूप में भाग लिया। बैठक में माननीय श्री गौरव द्विवेदी, सलाहकार, राज्य योजना आयोग, सुश्री अर्पिता चौधरी , शुभांग चंद्राकर, जसप्रीत भाटिया ,कीर्ति व्यास , पुनर्वसु वर्मा आदि उपस्थित थे। बैठक में हमारे राज्य के पर्यटन का विकास के विषय पर आयोग द्वारा उल्लेख महत्वपूर्ण विचारणीय बिंदुओं को समावेश...