लंकापल्ली जलप्रपात – शांत, निश्च्छल जलप्रपात
बीजापुर जिला मुख्यालय से 33 किमी दक्षिण दिशा की ओर आवापल्ली ग्राम है जो उसूर ब्लॉक का मुख्यालय है। यहां से पश्चिम दिशा में लगभग 15 किमी पर लंकापल्ली नामक ग्राम बसा हुआ है, जो यहां वर्ष के 12 माह निरंतर बहने वाले जलप्रपात के लिए प्रसिद्ध है। प्रकृति की गोद में शांत, निश्च्छल एवं स्वच्छंद रूप से अविरल बहती इस जलप्रपात को स्थानीय लोग गोंडी बोली में बोक्ता कहते हैं, चूंकि लंकापल्ली ग्राम के पास यह जलप्रपात स्थित है, इसलिए इसे लंकापल्ली झरने के नाम से जाना जाता है। लंकापल्ली...
‘घाटी की धुंध’ : बस्तर का मेन्द्री घुमर जलप्रपात
मेन्द्री घुमर जलप्रपात विशाल चित्रकोट झरने के रास्ते पर एक सुंदर मौसमी झरना है। प्रसिद्ध रूप से ‘घाटी की धुंध’ के रूप में जाना जाता है, मेहेंदरी घुमर के पास एक सुंदर घाटी है। यह 125-150 फीट ऊंचाई से गिरने वाली हरी घाटी के बीच चुपचाप अपनी उपस्थिति को चिह्नित करता है। शीर्ष से घने वन क्षेत्र को देखते हुए शांति महसूस कर सकती है।मेन्द्री घुमर जलप्रपात में सुंदर सुंदरता और बूंदा -बांदी इसे देखने के लिए एक आकर्षक अनुभव बनाती है। चित्रधारा, तामड़ा घूमर और मेन्द्री घुमर जलप्रपात चित्राकोट...
दो दिवसीय आर्ट, लिट्रेरेचर एंड फिल्म फेस्टिवल
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आर्ट, लिट्रेरेचर एंड फिल्म फेस्टिवल आज से यानी 14 अक्टूबर से दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि कला, साहित्य एवं फिल्म को लेकर एक ही मंच पर आयोजित किए जाने वाला यह देश एवं छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर पहली बार हो रहा है जिसमें कला, साहित्य, फिल्म, चित्रकारी, हस्तशिल्प से जुड़े कलाकार अपने-अपने अनुभव साझा करेंगे। छत्तीसगढ़ी थीम पर आयोजित होने वाले इस कार्यकम में 5 भाषा के लगभग 100 वक्त 14 व 15 अक्टूबर 2022 को...
चित्रधारा जलप्रपात : बस्तर की सुंदरता अद्भुत नमूना
बस्तर में झरनों की एक श्रृंखला है, उनमें से कई बारहमासी हैं, जबकि कुछ गर्मियों के दौरान पानी से वंचित हैं, लेकिन बारिश और सर्दियों के दौरान उनकी सुंदरता अद्वितीय है। चित्रधारा बाद की श्रेणी में आता है।चित्रधर झरना बस्तर की सुंदरता का एक अद्भुत नमूना है। चित्रकोट झरने के रास्ते पर, एक छोटी सी पहाड़ी के घाटी के माध्यम से एक छोटी नदी बहती है और यह किसानों की सोपानी पात की शुरुआत है। इस कारण से, बारिश के दौरान पानी होता है लेकिन गर्मियों में, इसकी उत्कृष्टता फीकी...
सिरपुर – ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्ता
अंतराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर सिरपुर अपनी ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्ता के कारण आकर्षण का केंद्र हैं। यह पांचवी से आठवीं शताब्दी के मध्य दक्षिण कोसल की राजधानी थी। यह स्थल पवित्र महानदी के किनारे पर बसा हुआ हैं। सिरपुर में सांस्कृतिक एंव वास्तुकौशल की कला का अनुपम संग्रह हैं। पुरातन काल (सोमवंशी राजाओ का काल) में सिरपुर को `श्रीपुर` के नाम से जाना जाता था तथा यह दक्षिण कोसल की राजधानी थी भारतीय इतिहास में अपने धार्मिक मान्यताओ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के कारण आकर्षण का केन्द्र था। इस स्थान पर...
विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा में जुड़ेगा नया रस्म
बस्तर दशहरा में अब आगामी वर्ष से एक नया रस्म जुड़ेगा। बस्तर दशहरा में चलने वाले रथ के निर्माण के लिए लगने वाली लकडिय़ों की क्षतिपूर्ति के लिए अब हर वर्ष साल और बीजा के पौधे लगाने का कार्य करने के साथ ही इसे बस्तर दशहरा के अनिवार्य रस्म में जोड़ा जाएगा। यह घोषणा सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज ने मारकेल में बस्तर दशहरा रथ निर्माण क्षतिपूर्ति पौधरोपण कार्यक्रम की। इस अवसर पर सांसद श्री दीपक बैज ने कहा कि बस्तर दशहरा सामाजिक समरसता के साथ...
सीढ़ीनुमा प्राकृतिक संरचनाओं से निर्मित – तीरथगढ जलप्रपात
जगदलपुर से 35 किलामीटर की दूरी पर स्थित यह मनमोहक जलप्रपात पर्यटकों का मन मोह लेता है। पर्यटक इसकी मोहक छटा में इतने खो जाते हैं कि यहाँ से वापिस जाने का मन ही नहीं करता। मुनगाबहार नदी पर स्थित यह जलप्रपात चन्द्राकार रूप से बनी पहाड़ी से 300 फिट नीचे सीढ़ी नुमा प्राकृतिक संरचनाओं पर गिरता है, पानी के गिरने से बना दूधिया झाग एवं पानी की बूंदों का प्राकृतिक फव्वारा पर्यटकों को मन्द-मन्द भिगो देता है। करोड़ो वर्ष पहले किसी भूकंप से बने चन्द्र-भ्रंस से नदी के डाउन...
छत्तीसगढ़ का “प्रयाग” : राजिम
गरियाबंद के उत्तर-पूर्व में महानदी के दाहिने किनारे पर स्थित है, जहाँ इसकी पैरी ओर सोंढ़ूर नामक सहायक नदियाँ इससे मिलती है। यह जिला मुख्यालयों से सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है और सड़क पर नियमित बसे चलती है। यह जिला मुख्यालय रायपुर से दक्षिण-पूर्व में 45 किलोमीटर दूर है। एक रेललाईन रायपुर-धमतरी छोटी लाईन अभनपुर से निकलती है और महानदी के बाये किनारे पर राजिम के ठीक दूसरी ओर स्थित नवापारा को जोड़ती है। राजिम के पास नदी पर एक ऊँचा पुल बन जाने से बारहमासी सड़क सम्पर्क स्थापित हो...
नए स्वरूप में बारनवापारा अभ्यारण्य
रायपुर । छत्तीसगढ़ का सबसे उत्कृष्ट तथा आकर्षक अभ्यारण्य बारनवापारा का नया स्वरूप में कायाकल्प हुआ है। यह कायाकल्प वन्यप्राणी रहवास उन्नयन कार्य के अंतर्गत कैम्पा (छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण) के वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 में स्वीकृत राशि से किया गया है। इसके तहत 5 हजार 920 हेक्टेयर रकबा में सघन लेन्टाना उन्मूलन तथा यूपोटोरियम उन्मूलन का कार्य हुआ है। जिसमें से बारनवापारा अभ्यारण्य के 19 कक्षों में कुल 950 हेक्टेयर रकबा में लेन्टाना उन्मूलन का कार्य और 32 कक्षों में कुल 4 हजार 970 हेक्टेयर रकबा...
माडमसिल्ली – एशिया का पहला सायफल सिस्टम वाला बांध
माडमसिल्ली पर्यटन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ राज्य में कई ऐसे जगह हैं, जो आज पिकनिट स्पॉट के तौर पर मशहूर हैं। बस्तर से लेकर अंबिकापुर तक यहां कई मशहूर जलप्रपात हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर अनायास की आकर्षित करते हैं।इसमें बस्तर के तीरथगढ़ और चित्रकोट जलप्रपात के बारे में तो सभी परिचित हैं ही। इसके अलावा कई और जलप्रपात और बांध हैं, जिसके बारे में हम आपको समय-समय पर जानकारी देते आते हैं।तो चलिए आज हम आपको बता रहे हैं, एक ऐसे बांध के बारे में, जिसे एशिया का...